Special Report: मोदी का एक फैसला, विरोधियों का टूटा हौसला, तो इसलिए सस्ता हुआ पेट्रोल-डीजल!

Modi
Prabhasakshi
अभिनय आकाश । May 22 2022 1:35PM

मोदी ने पेट्रोल और डीजल के दाम घटाने के लिए एक्साइड ड्यूटी में बड़ी कटौती की। अधिकतर राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमत 100 रुपये से ऊपर चल रही थी। मोदी ने उसे 100 रुपये से नीचे ला दिया।

आज बात करेंगे उस राहत की जो देश की जनता को मिली है। महंगाई घटाने का सबसे बड़ा फॉर्मूला आ गया है। प्रधानमंत्री ने राज्यों को डेयर दिया था कि गरीबों की केयर करते हो तो दाम घटा कर दिखाओ। राज्यों ने दाम नहीं घटाए तो मोदी ने ही दाम घटाने के ऐलान कर दिया। मोदी सरकार ने पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए सबसे बड़ा ऐलान किया है। कल केंद्र ने पेट्रोल पर 9.5 रुपये और डीजल पर 7 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी घटाने का ऐलान किया। इसके बाद लोगों को राहत मिली है। करीब सात महीने के अंदर लगातार दूसरी बार केंद्र सरकार की तरफ से एक्साइज ड्यूटी घटाई गई है। ऐसे में अब राज्यों पर दवाब है कि वो भी वैट कम करे ताकि लोगों को और राहत मिल सके। केंद्र के फैसले के तुरंत बाद केरल और राजस्थान सरकार ने भी वैट कम कर दिया है। दोनों राज्यों ने पेट्रोल पर करीब 2 रुपये 40 पैसे जबकि डीजल पर सवा रुपये वैट घटाया है, जो कि नाम मात्र का है। महाराष्ट्र सरकार ने अभी तक वैट पर कोई फैसला नहीं लिया है। जबकि देश की राजधानी दिल्ली की बात की जाए तो दिल्ली सरकार ने साफ-साफ वैट घटाने से इनकार कर दिया। छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब में भी कुछ ऐसा ही हाल है। हालांकि बीजेपी शासित राज्यों ने भी अभी वैट नहीं घटाया है। लेकिन नवंबर में जब एक्साइज ड्यूटी कम की गई थी तो उस दौरान बीजेपी शासित राज्यों ने वैट में भारी कमी की थी। 

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पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा- हमारे लिए हमेशा जनता पहले है। ये फैसला विशेष रूप से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी से अलग-अलग क्षेत्रों पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा। जिससे हमारी जनता को राहत मिलेगी और जीवन में आसानी मिलेगी। उज्जवला योजना ने करोड़ो भारतीयों खासकर महिलाओं की मदद की है। उज्जवला सब्सिडी पर फैसले से परिवार के बजट में काफी आसानी होगी। 

कितनी मिली राहत?

 राज्य      पेट्रोल पहले   पेट्रोल अब

दिल्ली      105.41      95.91

गुरुग्राम    105.86      96.36

कोलकाता 115.12     105.62

चेन्नई       110.85          101.35

बेंगलुरु   111.09        101.59

राज्य      डीजल पहले   डीजल अब

दिल्ली      96.67      89.67

गुरुग्राम  97.10    90.10

कोलकाता  99.83   92.83

चेन्नई 101.94   93.94

बेंगलुरु  94.79   87.79

मोदी ने पेट्रोल और डीजल के दाम घटाने के लिए एक्साइड ड्यूटी में बड़ी कटौती की। अधिकतर राज्यों में पेट्रोल और डीजल की कीमत 100 रुपये से ऊपर चल रही थी। मोदी ने उसे 100 रुपये से नीचे ला दिया। कांग्रेस पार्टी महंगाई के मुद्दे पर मोर्चा निकालने वाली थी। लेकिन मोदी ने उससे पहले ही धमाका कर दिया। पेट्रोल डीजल सस्ता होगा तो बाकी सारी चीजों के दाम पर असर पड़ेगा। महंगाई घटेगी तो मोदी की पॉपुलैरिटी और बढ़ेगी। 

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क्या कहा केंद्रीय वित्त मंत्री ने?

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 लाख करोड़ की राहत को 12 ट्वीट्स में समेटा है। वित्त मंत्री ने लिखा है कि  जब से केंद्र में पीएम मोदी की सरकार आई है हम गरीबों के कल्याण के लिए काम कर रहे हैं। हमने गरीबों और मध्यम वर्ग की मदद के लिए कुछ कदम उठाए हैं। इसका नतीजा ये निकला है कि हमारे कार्यकाल में औसत महंगाई पिछली सरकार से कम ही रही है। उन्होंने कहा है कि दुनिया इस वक्त मुश्किल वक्त से गुज़र रही है। विश्व कोरोना महामारी से उबर ही रहा था कि यूक्रेन संकट आ खड़ा हुआ, जिससे सप्लाई चेन और कई सामानों की शॉर्टेज हुई है। इसके कई देशों में महंगाई और आर्थिक संकट पैदा हुए हैं।

16 दिन में 10 रुपये महंगा

मौजूदा वक्त में पेट्रोल और डीजल की कीमत देश में बाजार तय करता है, लेकिन अक्सर देखा गया है कि चुनावों के दौरान इनकी कीमत स्थिर हो जाती है। हाल में उत्तर प्रदेश समते 5 राज्यों के विधानसभा चुनावों में भी ये देखने को मिला। चुनाव के समाप्त होने के तुरंत बाद 22 मार्च से पेट्रोल डीजल की कीमतों में लगातार बढोतरी देखने को मिली और महज 16 दिन के भीतर ही इनकी कीमत प्रति लीटर 10 रुपये बढ़ गई। इसे लेकर सरकार को कई मोर्चों पर विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ा। ताजा कटौती से पहले पेट्रोल-डीजल की कीमतें अप्रैल के शुरुआती हफ्ते से स्थिर बनी हुई हैं। 

बहरहाल, एक्साइज ड्यूटी में ताजा कटौती से महाराष्ट्र, राजस्थान और पश्चिम बंगाल जैसे विपक्ष शासित उन राज्यों में पेट्रोल-डीजल की कीमतें ज्यादा घटेंगी जहां वैट ज्यादा है, बनस्पत कम वैट वाले राज्यों के। इसका कारण यह है कि राज्य पेट्रोल-डीजल पर वैट की दर एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य दूसरे शुल्कों के आधार पर तय करते हैं। एक्साइज ड्यूटी में बड़ी कटौती के कारण ज्यादा दर से वैट वसूलने वाले राज्यों को कटौती भी हाई रेट से ही करनी होगी। 

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