भारतीय होटल उद्योग अगले वित्त वर्ष में सात से नौ प्रतिशत राजस्व वृद्धि दर्ज करेगा, ICRA की एक रिपोर्ट में दावा
इक्रा ने कहा कि घरेलू अवकाश यात्रा का निर्वाह, बैठकों, प्रोत्साहनों, सम्मेलन और प्रदर्शनियों की मांग ऐसे कारक हैं जो आगामी आम चुनावों के दौरान अस्थायी शांति के बावजूद अगले वित्त वर्ष में मांग को बढ़ाएंगे। शोध कंपनी ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में आध्यात्मिक पर्यटन और दूसरी श्रेणी के शहरों से समग्र मांग में सार्थक योगदान मिल सकता है।
कोलकाता। भारतीय होटल उद्योग को अगले वित्त वर्ष (2024-25) में सात से नौ प्रतिशत की राजस्व वृद्धि दर्ज करने की उम्मीद है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इक्रा की एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है। इक्रा ने कहा कि घरेलू अवकाश यात्रा का निर्वाह, बैठकों, प्रोत्साहनों, सम्मेलन और प्रदर्शनियों (एमआईसीई) की मांग ऐसे कारक हैं जो आगामी आम चुनावों के दौरान अस्थायी शांति के बावजूद अगले वित्त वर्ष में मांग को बढ़ाएंगे।
शोध कंपनी ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में आध्यात्मिक पर्यटन और दूसरी श्रेणी के शहरों से समग्र मांग में सार्थक योगदान मिल सकता है। इक्रा के अनुसार, चालू वित्त वर्ष और अगले वित्त वर्ष में अखिल भारतीय होटल अधिभोग का अनुमान दशक के उच्चतम स्तर 70 प्रतिशत से 72 प्रतिशत तक पहुंच गया, जबकि 2022-23 में यह 68 प्रतिशत से 70 प्रतिशत था।
चालू वित्त वर्ष में देशभर में कमरों का औसत शुल्क (एआरआर) 7,200 से 7,400 रुपये रह सकता है, जिसके अगले वित्त वर्ष में बढ़कर 7,800 से 8,000 होने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार, क्रेडिट रेटिंग में सुधार के साथ इक्रा का भारतीय होटल उद्योग के लिए दृष्टिकोण सकारात्मक है।
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