सरकार ने 11 राज्यों के लिए प्रति हेक्टेयर 1,000 किलो कपास उपज का लक्ष्य निर्धारित किया: Giriraj

Giriraj
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गिरिराज सिंह ने कहा कि सरकार ने 11 शीर्ष कपास उत्पादक राज्यों में प्रति हेक्टेयर 1,000 किलोग्राम कपास उपज का लक्ष्य निर्धारित किया है क्योंकि इसका उद्देश्य महाराष्ट्र के अकोला में अपनाए गए सबसे अच्छे खेती के तौर-तरीकों को दोहराना है। कपास उत्पादन का अकोला मॉडल, जिसे उच्च घनत्व रोपण (एचडीपीएस) मॉडल के रूप में भी जाना जाता है।

नयी दिल्ली । केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि सरकार ने 11 शीर्ष कपास उत्पादक राज्यों में प्रति हेक्टेयर 1,000 किलोग्राम कपास उपज का लक्ष्य निर्धारित किया है क्योंकि इसका उद्देश्य महाराष्ट्र के अकोला में अपनाए गए सबसे अच्छे खेती के तौर-तरीकों को दोहराना है। कपास उत्पादन का अकोला मॉडल, जिसे उच्च घनत्व रोपण (एचडीपीएस) मॉडल के रूप में भी जाना जाता है, एक ऐसी तकनीक है जिसमें कम जगह में अधिक कपास के पौधे लगाए जाते हैं। 

कपास की पैदावार बढ़ाने के लिए अकोला में इस मॉडल का इस्तेमाल किया जा रहा है और उम्मीद है कि पूरे देश में इसकी नकल की जाएगी। मौजूदा समय में भारत की उपज लगभग 450 किलो प्रति हेक्टेयर है जो चीन, आस्ट्रेलिया और ब्राजील जैसे प्रतिस्पर्धी देशों से काफी कम है। गुजरात, महाराष्ट्र, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश, पंजाब और ओडिशा भारत के शीर्ष कपास उत्पादक राज्यों में से हैं। 

सिंह ने कहा, ‘‘हमने महाराष्ट्र के अकोला में अपनाये गये बेहतर तौर-तरीकों के आधार पर कपास उत्पादन के लिए एक मॉडल तय किया है और उसे विकसित किया है। यह सच है कि दुनियाभर में जापान, ब्राजील, ऑस्ट्रेलिया, चीन में 2,000-2,200 किलोग्राम कपास पैदावार होती है, जिसमें से 35 प्रतिशत कपास का उत्पादन होता है, जबकि हमारा उत्पादन 450-500 किलोग्राम ही है।’’ केंद्रीय कपड़ा मंत्री ने आगे कहा कि पैदावार में सुधार के लिए कपास उद्योग के सभी अंशधारकों का सहयोग आवश्यक है। सिंह ने कहा, ‘‘हमने सभी अंशधारकों के सहयोग के आधार पर अकोला मॉडल के आधार पर 11 राज्यों में 1,000 किलोग्राम उत्पादन का लक्ष्य रखा है।’’ मंत्री भारतीय कपड़ा उद्योग परिसंघ द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संवाददाताओं से बात कर रहे थे।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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