वैश्विक विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए पर्याप्त नहीं है विश्व विद्युत आपूर्ति

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विश्व बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भोजन पकाने से होने वाले प्रदूषण को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के प्रयास 2015 में दुनिया के देशों द्वारा तय लक्ष्यों से काफी पीछे हैं।

वॉशिंगटन। विश्व में 15 करोड़ से अधिक लोगों को हर साल विद्युत आपूर्ति हो रही है, जिससे बिजली के बिना रहने वाले लोगों की संख्या कम हुई है लेकिन यह वैश्विक विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए नाकाफी है। विश्व बैंक और अन्य अंतरराष्ट्रीय निकायों की बुधवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि भोजन पकाने से होने वाले प्रदूषण को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा को प्रोत्साहित करने के प्रयास 2015 में दुनिया के देशों द्वारा तय लक्ष्यों से काफी पीछे हैं।

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इस रिपोर्ट को संयुक्त रूप से पेश करने वाले अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के कार्यकारी निदेशक फतीह बिरोल ने कहा कि मैं दुनिया के कुछ हिस्सों, खासकर उपसहारा अफ्रीका में विश्वसनीय, आधुनिक एवं सतत ऊर्जा तक पहुंच में नाटकीय कमी को लेकर मुख्य रूप से चिंतित हूं। रिपोर्ट में कहा गया है कि सभी संयुक्त राष्ट्र सदस्य देशों ने 2015 में शिक्षा, पर्यावरण, लैंगिक समानता और ऊर्जा के क्षेत्र में 2030 तक सतत विकास के लिए 17 लक्ष्य पारित किए थे। 

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इन लक्ष्यों को हासिल करने के लिए 11 वर्ष बचे हैं लेकिन इस दिशा में देश अभी काफी पीछे हैं। इसमें कहा गया है कि हालांकि विश्व में विद्युत तक पहुंच बढ़ी है कि लेकिन यदि सरकारें विद्युत आपूर्ति की गति नहीं बढ़ाती हैं तो 2030 में भी 65 करोड़ लोग ऐसे होंगे जो अंधेरे में रहने को मजबूर होंगे और इनमें 90 प्रतिशत लोग उप-सहारा अफ्रीका के होंगेा।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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