ग्लास ट्रस्ट को शायद कोई पैसा न मिले, बायजू पर सिर्फ 20 करोड़ रुपये का ऋण दावा: Raveendran

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थिंक एंड लर्न को हो सकता है कि विवादित 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर के सावधि ऋण ‘बी’ के लिए किसी राशि का भुगतान न करना पड़े। बायजू ब्रांड का स्वामित्व रखने वाली कंपनी को यह राशि ग्लास ट्रस्ट को चुकानी है, जो अमेरिकी स्थित ऋणदाताओं का प्रतिनिधित्व करती है।

नयी दिल्ली । थिंक एंड लर्न को हो सकता है कि विवादित 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर के सावधि ऋण ‘बी’ के लिए किसी राशि का भुगतान न करना पड़े। बायजू ब्रांड का स्वामित्व रखने वाली कंपनी को यह राशि ग्लास ट्रस्ट को चुकानी है, जो अमेरिकी स्थित ऋणदाताओं का प्रतिनिधित्व करती है। कंपनी के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) बायजू रवींद्रन ने यह जानकारी दी। उन्होंने पीटीआई-को दिए साक्षात्कार में कहा कि दिवाला समाधान पेशेवर (आईआरपी) के अनुसार बायजू पर सत्यापित ऋण दावा अब केवल 20 करोड़ रुपये है। 

ग्लास ट्रस्ट ने बायजू के खिलाफ अपील दायर की है, जिसमें 1.35 अरब अमेरिकी डॉलर या 11,432.98 करोड़ रुपये बकाया होने का दावा किया गया है। ग्लास ट्रस्ट का कहना है कि शिक्षा प्रौद्योगिकी फर्म ने अमेरिका स्थित ऋणदाताओं से सावधि ऋण बी (टीएलबी) के रूप में 1.2 अरब अमेरिकी डॉलर लिए थे। ब्याज मिलाकर बकाया राशि बढ़ गई है। 

रवींद्रन ने कहा कि टीएलबी एक कारोबारी साधन (ट्रेडेड इंस्ट्रूमेंट) है, जो इस समय लगभग 20 सेंट पर कारोबार कर रहा है, जिससे कंपनी के कर्ज का वर्तमान मूल्य 24 करोड़ डॉलर हो जाता है। उन्होंने आगे कहा, ‘‘जिस तरह से वे (ग्लास ट्रस्ट) काम कर रहे हैं, उन्हें कोई पैसा नहीं मिलने वाला है। वे इसे केवल शून्य मूल्य पर गिरा सकते हैं।’’ इस मुद्दे पर टिप्पणी के लिए ग्लास ट्रस्ट को भेजे गए ईमेल का खबर को लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं मिला था।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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