Donald Trump का फैसला दवाओं पर कर सकता है ये असर, भारतीय कंपनियां होंगी सबसे ज्यादा प्रभावित

व्हाइट हाउस जल्दी ही फार्मास्युटिकल्स पर टैरिफ का ऐलान करेगा, ये जानकारी खुद डोनाल्ड ट्रंप ने मार्च के महीने में दी थी। उन्होंने ये भी बता दिया था कि अमेरिका लंबे अर्से तक इस क्षेत्र से बाहर नहीं रह सकेगा। ट्रंप की ओर से ये टिप्पणी उस समय आई है जब वो दुनिया के कई देशों पर अलग अलग टैरिफ लगा रहे है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ये घोषणा कर चुके हैं कि वो जल्द ही अपना वो वादा भी पूरा करने जा रहे हैं जिसमें उन्होंने फार्मास्युटिकल्स पर टैरिफ लगाने का निर्णय किया था। इस संबंध में हाउस रिपब्लिकन के लिए आयोजित फंड रेजिंग प्रोग्राम के दौरान डोनाल्ड ट्रंप बयान जारी किया है।
इस प्रोग्राम में बोलते हुए डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि जल्द ही बड़ा टैरिफ फार्मास्युटिकल्स पर लगाने की तैयारी है। इस कदम से वो कंपनियां हमारे बाजार में वापस आएंगी। हम बड़ा बाजार हैं। वहीं ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की मानें तो डोनाल्ड ट्रंप लंबे अर्से से घरेलू दवाएं उत्पादन में कमी को लेकर अपना दुखड़ा रोते रहे है। डोनाल्ड ट्रंप बार बार कहते रहे हैं कि देश में दवाओं का अधिक उत्पादन करने के लिए टैरिफ लगाना चाहिए।
दवा कंपनियों पर टैरिफ की मार
व्हाइट हाउस जल्दी ही फार्मास्युटिकल्स पर टैरिफ का ऐलान करेगा, ये जानकारी खुद डोनाल्ड ट्रंप ने मार्च के महीने में दी थी। उन्होंने ये भी बता दिया था कि अमेरिका लंबे अर्से तक इस क्षेत्र से बाहर नहीं रह सकेगा। ट्रंप की ओर से ये टिप्पणी उस समय आई है जब वो दुनिया के कई देशों पर अलग अलग टैरिफ लगा रहे है। इस टैरिफ वॉर के कारण वैश्विक शेयर बाजार हिला हुआ है।
डोनाल्ड ट्रंप अगर फार्मास्युटिकल्स पर टैरिफ का ऐलान करते हैं तो इसका भारतीय दवा कंपनियों पर काफी असर होगा खासतौर से जो अमेरिका को निर्यात करती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक्सपर्ट्स का कहना है कि अमेरिका में आमतौर पर भारतीय दवा कंपनियां जेनेरिक्स या फिर पॉपुलर दवाएं सस्ते दाम पर भेजी जाती है। इन दवाओं पर सरचार्ज ना के बराबर लगता है। वहीं अमेरिका से इंपोर्ट होने वाली दवाओं पर भारत 10 फीसदी टैक्स लगाता है।
इन कंपनियों पर होगा असर
बता दें कि भारतीय दवा बाजार की लगभग एक तिहाई कंपनियां अमेरिका में दवाएं भेजती है। Biocon, Lupin, Laurus Labs, सन फार्मा, डॉ. रेड्डी, अरबिन्दो फार्मा, Zydus Lifesciences और Gland Pharma कुछ चुनिंदा कंपनियां है जिनपर इस फैसले का सर्वाधिक असर देखने को मिल सकता है।
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