अमेरिकी कंपनियों को रास नहीं आ रहा चीन, अब भारत में Apple बनाना चाह रही iPhone
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मार्च के महीने में ही फॉक्सकॉन ने 1.31 अरब डॉलर के आईफोन एक्सपोर्ट किए है। महज एक महीने में हुआ ये सबसे बड़ा निर्यात है। ये जनवरी-फरवरी में हुए कुल निर्यात के समान ही है। वहीं आईफोन एक्सपोर्ट मार्च में बढ़कर 612 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। रिपोर्ट की मानें तो ट्रंप ने चीन के उत्पादों पर नया टैरिफ लागू किया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए टैरिफ से बचने और चीन पर अपनी निर्भरता को कम कम करने के लिए एप्पल ने तैयारी कर ली है। एप्पल की तैयारी है कि वर्ष 2026 के अंत तक अमेरिकी बाजारों के लिए आईफोन की असेंबलिंग का काम भारत में किया जाए।
यानी आईफोन को असेंबल करने के लिए अब काम भारत में शिफ्ट किया जाएगा। देखा जाए तो बीते कुछ वर्षों में एप्पल कंपनी ने भारत में अपने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स बनाए है। एप्पल को इसके लिए अन्य कंपनियां जैसे फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का साथ भी मिला है।
फॉक्सकॉन और टाटा का एक्सपोर्ट बढ़ा
मार्च के महीने में ही फॉक्सकॉन ने 1.31 अरब डॉलर के आईफोन एक्सपोर्ट किए है। महज एक महीने में हुआ ये सबसे बड़ा निर्यात है। ये जनवरी-फरवरी में हुए कुल निर्यात के समान ही है। वहीं आईफोन एक्सपोर्ट मार्च में बढ़कर 612 मिलियन डॉलर पर पहुंच गया है। रिपोर्ट की मानें तो ट्रंप ने चीन के उत्पादों पर नया टैरिफ लागू किया है। उसके बाद से ऐप्पल ने चीन द्वारा लगाए गए बढ़े हुए टैरिफ से बचने के लिए अमेरिका में भारत में निर्मित स्मार्टफोन भेजना शुरू किया।
जानकारी के मुताबिक एप्पल ने ये कदम सिर्फ टैरिफ से बचने के लिए नहीं उठाया है। वर्ष 2026 तक एप्पल कंपनी अमेरिका के लिए सभी आईफोन भारत में ही निर्माण करना चाहती है। आईफोन की मैन्यूफैक्चरिंग के लिए एप्पल वर्षों तक चीन पर ही निर्भर रहा है मगर भारत में कंपनी ने उत्पाद बढ़ाने का फैसला किया है।
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