Supreme Court ने फिल्म 'हमारे बारह' के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से इनकार किया

Supreme Court refuses to hear petition
प्रतिरूप फोटो
Hamare baarah poster

बंबई उच्च न्यायालय ने 19 जून को निर्माताओं द्वारा कुछ आपत्तिजनक अंशों को हटाने पर सहमति जताने के बाद फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दे दी थी। यह मामला शुक्रवार को न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया।

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को अन्नू कपूर अभिनीत फिल्म हमारे बारह में कथित तौर पर कुछ विवादास्पद संवादों और दृश्यों को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया। बंबई उच्च न्यायालय ने 19 जून को निर्माताओं द्वारा कुछ आपत्तिजनक अंशों को हटाने पर सहमति जताने के बाद फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दे दी थी। यह मामला शुक्रवार को न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एस. वी. एन. भट्टी की अवकाशकालीन पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया। 

पीठ ने याचिकाकर्ता को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी। याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने कहा, इस रिट याचिका के जरिए मैंने फिल्म के कुछ विवादास्पद संवादों और दृश्यों को चुनौती दी है। न्यायालय ने कहा कि पिछले सप्ताह भी इसी तरह की एक याचिका उसके समक्ष आई थी। उसने कहा कि बंबई उच्च न्यायालय ने फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दे दी है और याचिकाकर्ता उस आदेश को चुनौती दे सकता है। 

उच्चतम न्यायालय ने कहा, उच्च न्यायालय ने इस पर गौर किया है और उसके बाद उसने फिल्म को प्रदर्शित करने की अनुमति दी है। यदि आप अब भी असंतुष्ट हैं, तो इसे चुनौती दें। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उन्होंने सात जून को सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी, लेकिन इसे पहले सूचीबद्ध नहीं किया जा सका। पीठ ने कहा, हम इस मामले को आज गुण-दोष के आधार पर सुनने की इच्छुक नहीं हैं। हमें अपनी प्रणाली के अनुरूप प्रक्रिया का पालन करना चाहिए। उसने कहा कि उच्च न्यायालय ने फिल्म देखी है और कुछ दृश्यों और संवादों को हटाने के लिए कहा है। 

पीठ ने कहा, यदि आप अनुमति मांगते हैं और (उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ) अपील दायर करते हैं, तो यह उचित होगा कि यह न्यायालय आपके स्वतंत्र आधारों की जांच करे...। इसके बाद वकील ने पीठ से अनुरोध किया कि उन्हें याचिका वापस लेने की अनुमति दी जाए। पीठ ने उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ नयी याचिका दायर करने की आजादी के साथ याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी।

डिस्क्लेमर: प्रभासाक्षी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।


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