By अनन्या मिश्रा | Sep 16, 2024
हर साल 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है। यह दिन ओजोन परत की सुरक्षा और महत्वता को समझाने के उद्देश्य से मनाया जाता है। साल 1994 में इस दिन को संयुक्त राष्ट्र द्वारा स्थापित किया गया था। यह 1987 के मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल की वर्षगांठ के मौके पर मनाया जाता है। सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से ओजोन परत पृथ्वी की रक्षा करती है। तो आइए जानते हैं इस दिन का इतिहास, महत्व के बारे में...
कब मनाया जाता है ओजोन डे
बता दें कि हर साल 16 सितंबर को विश्व ओजोन दिवस मनाया जाता है। ओजोन परत की सुरक्षा के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए यह दिन समर्पित होता है। इस दिन को मनाए जाने का मुख्य उद्देश्य ओजोन परत की समस्याओं और उनके समाधान के प्रति लोगों को जागरुक करना है।
क्यों मनाया जाता है यह दिन
ओजोन परत के महत्व और उसके संरक्षण की जरूरत को बताने के लिए वर्ल्ड ओजोन डे मनाया जाता है। सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों को ओजोन परत पृथ्वी तक पहुंचने से रोकती है। ऐसे में यह दिन ओजोन परत की रक्षा के लिए और विश्व जागरुकता फैलाने के लिए आवश्यक कदम उठाने का प्रयास है।
विश्व ओजोन दिवस का इतिहास
साल 1994 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व ओजोन दिवस स्थापित किया गया था। जिसका मुख्य उद्देश्य साल 1987 के मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के महत्व को मान्यता देना है। ओजोन-क्षीणकारी पदार्थों के उपयोग को कंट्रोल करने के लिए इस दिन को मनाने की शुरूआत हुई। साथ ही ओज़ोन परत की रक्षा के लिए वैश्विक प्रयासों को समर्थन मिलता है।
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल
बता दें कि मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल एक अंतरराष्ट्रीय संधि है। जो ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले पदार्थों के उत्पादन और उपयोग को कम करने के लिए बनाया गया है। साल 1987 में इसको अपनाया गया था। इस संधि का मुख्य लक्ष्य ओजोन-क्षीणकारी रसायनों को कम करने के साथ ही ओजोन परत को पुनर्निर्माण करना है। पर्यावरण संरक्षण के लिहाज से यह एक महत्वपूर्ण वैश्विक समझौता है।