अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों को वापस बुलाना एकदम सही फैसला था: जो बाइडेन

By रेनू तिवारी | Sep 01, 2021

संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन जो अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की जल्दबाजी और अराजक वापसी पर भारी आलोचना का सामना कर रहे हैं, ने एक बार फिर अपने इस फैसले का बचाव किया है और कहा है कि उनका मानना ​​​​है कि यह पूरे दिल से सही कॉल था, यानि की ( उन्होंने जो भी किया वह सही था फिर भले चाले अफगानिस्तान के हालात अब चाहें जैसे हो)।


अफगानिस्तान को पूरी तरह से तालिबान के हवाले करते हुए जब अमेरिकी सैनिकों की आखिरी टुकड़ी ने अफगानिस्तान छोड़ा उसके के कुछ घंटे बाद, व्हाइट हाउस से राष्ट्र को संबोधित करते हुए, जो बाइडेन ने कहा, "मैं आपको अपना वचन देता हूं, अपने पूरे दिल से, मुझे विश्वास है कि यह है सही फैसला, समझदारी भरा फैसला और अमेरिका के लिए सबसे अच्छा फैसला।”

 

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राष्ट्रपति जो बाइडेन  ने आगे कहा हम अफगानिस्तान में 20 साल से तालिबान से युद्ध कर रहे थे। यदि आप आज 20 वर्ष के हैं तो अब तक आपने कभी अमेरिका को शांति के लिए नहीं जाना है। अफगानिस्तान ने हमारे सैनिक अपनी जान की बाजी लगा रहे हैं। हमारे देश के एक प्रतिशत लोग की सेना की वर्दी पहनते हैं। लंबे समय से चले आ रहे अफगानिस्तान युद्ध के समाप्त होने की घोषणा करते हुए बिडेन ने कहा कि यह एक प्रतिबद्धता थी जो उन्होंने अमेरिकी लोगों से की थी और उस वादे का सम्मान किया।

 

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जो बाइडेन  ने अपने संबोधन में कहा-  अफगानिस्तान में 20 साल के युद्ध के बाद, मैंने अमेरिका के बेटों और बेटियों की एक और पीढ़ी को युद्ध लड़ने के लिए भेजने से इनकार कर दिया, जो बहुत पहले समाप्त हो जाना चाहिए था। 

 

 (20 years of war in Afghanistan, I refused to send another generation of America’s sons and daughters to fight a war that should have ended long ago)

 

जो बाइडेन  ने यह भी कहा कि वह चौथे राष्ट्रपति हैं जिन्होंने इस मुद्दे का सामना किया है कि क्या कि कब अफगानिस्तान युद्ध को समाप्त किया जाए, जो 2001 में अमेरिका पर 9/11 के हमलों के तुरंत बाद शुरू हुआ था।


जो बाइडेन ने कहा "जब मैं राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ रहा था, मैंने अमेरिकी लोगों के लिए एक प्रतिबद्धता की थी कि मैं इस युद्ध को समाप्त कर दूंगा। और आज, मैंने उस प्रतिबद्धता का सम्मान किया है। यह अमेरिकी लोगों के साथ फिर से ईमानदार होने का समय था। अफगानिस्तान में एक ओपन-एंडेड मिशन में अब हमारा कोई स्पष्ट उद्देश्य नहीं था।

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