By रितिका कमठान | Dec 02, 2024
केंद्र सरकार ने पेट्रोल, डीजल, एटीएफ और क्रूड ऑयल प्रोडक्ट्स को लेकर बड़ा फैसला किया है। केंद्र सरकार ने अब विंडफॉल टैक्स को खत्म कर दिया है। सरकार ने ये फैसला महीनों के विचार विमर्श के बाद किया है। यह कदम तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस फैसले के बाद तेल कंपनी जैसे रिलायंस और ओएनजीसी को राहत मिलेगी। इससे कंपनियों के सकल रिफाइनिंग मार्जिन में बढ़ोतरी हो सकती है।
विंडफॉल टैक्स घरेलू कच्चे तेल उत्पादन पर एक शुल्क है, जिसे वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के बाद जुलाई 2022 में लागू किया गया था। इसका उद्देश्य था कि उत्पादकों द्वारा अर्जित अप्रत्याशित लाभ से रेवेन्यू प्राप्त किया जा सके। सोमवार को दोपहर 1.04 बजे रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर 1,300.05 रुपये प्रति शेयर पर कारोबार कर रहे थे।
इसके अलावा, सरकार ने पेट्रोल और डीजल के निर्यात पर सड़क और बुनियादी ढांचा उपकर (आरआईसी) भी वापस लिया है। इसे लेकर संसद में भी अधिसूचना रखी गई है। सितंबर में भारत सरकार ने कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स को खत्म करने की घोषणा की थी। अगस्त में ये 1,850 रुपये प्रति टन था। डीजल और विमानन टरबाइन ईंधन के निर्यात पर लगने वाले अप्रत्याशित कर को भी समाप्त कर दिया गया। रूस-यूक्रेन युद्ध की शुरुआत और क्रेमलिन पर पश्चिम के प्रतिबंधों के दौरान, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल के परिणामस्वरूप तेल कंपनियों को अभूतपूर्व लाभ हुआ।
इन मुनाफ़ों ने ऐसा माहौल बनाया जहाँ तेल कंपनियों ने एकमुश्त महत्वपूर्ण मुनाफ़ा कमाया। इन असाधारण मुनाफ़ों के जवाब में, भारत ने घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों और निर्यातकों पर अप्रत्याशित कर लगाकर कई अन्य देशों की तरह कदम उठाया है। इस कदम का उद्देश्य घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों और निर्यातकों पर अप्रत्याशित कर लगाकर सरकार के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करना था। इस कदम का उद्देश्य इन असाधारण मुनाफ़ों पर कर लगाकर सरकार के लिए अतिरिक्त राजस्व उत्पन्न करना था।