By अनन्या मिश्रा | Jan 07, 2025
हाई शुगर लेवल और इसकी वजह से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में बात की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि शुगर बढ़ना जितना खतरनाक होता है और इसका कम होना भी खतरनाक माना जाता है। यही वजह है कि डॉक्टर शुगर लेवल को कंट्रोल में रखने के लिए निरंतर प्रयास करने की सलाह देते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि लो शुगर होने पर क्या लक्षण दिखते हैं और इसको आप कैसे कंट्रोल किया जा सकता है।
शुगर लेवल लो होना
ब्लड शुगर का लेवल सामान्य से कम होने की स्थिति को हाइपोग्लाइसीमिया कहा जाता है। अगर किसी का शुगर लेवल 70 मिलीग्राम प्रति डेसीलीटर से नीचे हो गया है। तो यह हाइपोग्लाइसेमिया की स्थिति मानी जाती है। अगर आपको लंबे समय तक यह समस्या बनी रहती है, तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। क्योंकि यह आपके स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक हो सकता है। मुख्यता यह स्थिति डायबिटीज के मरीजों में देखी जाती है। विशेषतौर पर वह लोग जो इंसुलिन का इंजेक्शन लेते हैं। ग्लूकोज शरीर की ऊर्जा का मुख्य स्त्रोत है। जब शरीर में ग्लूकोज का लेवल कम हो जाता है, तो शरीर और मस्तिष्क पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
शुगर बढ़ने पर क्या होता है
सिरदर्द- धुंधला दिखाई देना।
बार-बार यूटीआई या त्वचा में संक्रमण होना।
भूख और प्यास अधिक लगना।
घाव का धीरे-धीरे ठीक होना या इसमें बहुत अधिक समय लगना।
बार-बार पेशाब आना।
थकान-वजन कम होना।
शुगर लेवल लो की स्थिति पर क्या होता है
थकान-कमजोरी और सिरदर्द होना।
भ्रम की स्थिति या बोलने में कठिनाई
बेहोशी या कोमा (अत्यंत गंभीर स्थिति में)
चक्कर आना-पसीना आना।
घबराहट या बेचैनी।
हाथ-पैर कांपना
जबड़ों का बैठ जाना
लो शुगर की स्थिति में क्या करना चाहिए
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, शुगर लेवल लो होने के कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। भोजन न करना, भोजन के समय में बदलाव, दवाओं या इंसुलिन की अधिक मात्रा लेना या शराब पीने के कारण आपका शुगर लो हो सकता है।
अगर आपका शुगर लेवल लो हो जाता है, तो आपको शुगर कैंडी, ग्लूकोज बिस्किट या फलों का जूस पीना चाहिए। फिर कुछ समय बाद शुगर की जांच करें। इन उपायों को करने के बाद भी अगर आपका शुगर सामान्य नहीं हो रहा है या फिर लक्षणों में आराम न मिले, तो फौरन डॉक्टर से मिलें।
बता दें कि हाइपोग्लाइसेमिया एक गंभीर स्थिति हो सकती है। हालांकि इसको सही जानकारी और सावधानी से कंट्रोल किया जा सकता है। इस तरह की समस्या से बचने के लिए आप नियमित रूप ले संतुलित डाइट, नियमित शुगर जांच और शारीरिक गतिविधियों पर ध्यान देना बहुत जरूरी है।