By अभिनय आकाश | Jul 10, 2024
जिलों में मुस्लिम आबादी बढ़ रही है जो देश के लिए ठीक नहीं है। इसका सीधा असर संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों की परिसीमन प्रक्रिया पर भी पड़ सकता है। अब वाल है कि जनसंख्या में असंतुलन को नहीं रोका गया तो क्या हालात बेकाबू हो जाएंगे। आरएसएस की पत्रिका में आबादी के क्षेत्रीय असंतुलन को लेकर चिंता जताई गई है। आरएसएस संबंधी पत्रिका ने देश में जनसंख्या असंतुलन का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कुछ खास क्षेत्रों में मुस्लिम आबादी बेतहाशा बढ़ी है। इस पर काबू पाने के लिए देश को एक जनसंख्या नियंत्रण नीति अपनाने की जरूरत है।
पत्रिका के संपादकीय हिस्से में ये लेख छापा गया है। जिसमें इस पर काबू पाने के लिए राष्ट्रीय जनसंख्या नियंत्रण नीति अपनाने को जरूरत बताया गया है। लेख में पश्चिमी और दक्षिणी राज्यों में नियंत्रण को लेकर उठाए गए कदमों को और बेहतर बताया गया। साथ ही इस बात का डर भी जताया गया कि अगर मूल आबादी ही बदल गई तो इससे संसद में सीटों में जीत और हार में भी फर्क पड़ेगा। लेख में कहा गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर जनसंख्या स्थिर है। लेकिन ये सभी क्षेत्रों और धर्मों में समान नहीं है।
जनसंख्या की स्थिति पर चिंता जताई गई और साथ ही नीति के जरिए इसमें दखल देने को कहा गया है। सीमा से जुड़े इलाकों में मुस्लिम आबादी बहुत तेजी से बढ़ी है। जिसमें पश्चिम बंगाल, बिहार, असम और उत्तराखंड शामिल हैं। जहां अप्राकृतिक रूप से मुसलमानों की आबादी बढ़ी है। जनसंख्या की नीति राष्ट्र की आवश्यकता पर आधारित होनी चाहिए। जिसे समय रहते नियंत्रित किया जा सके। जनसंख्या वृद्धि पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि जिनके जरूरत से ज्यादा बच्चे हैं उनके वोटिंग राइट खत्म कर देने चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि चीन की तरह देश में वन चाइल्ड नीति लागू की जानी चाहिए।