Prabhasakshi NewsRoom: Mumbai में 31 अगस्त को I.N.D.I.A. की बैठक से पहले क्या विपक्षी साथियों को बड़ा झटका देने की तैयारी कर रहे हैं Sharad Pawar

By नीरज कुमार दुबे | Aug 14, 2023

महाराष्ट्र में विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया की 31 अगस्त को होने वाली बैठक से पहले जिस तरह की राजनीतिक अटकलें चल रही हैं यदि वह सही साबित हुईं तो विपक्ष को अब तक का सबसे बड़ा झटका लग सकता है। हम आपको याद दिला दें कि बेंगलुरु में पिछले महीने हुई विपक्षी दलों की बैठक से पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार की पार्टी में विभाजन हो गया था और उनके भतीजे अजित पवार समेत कई बड़े नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गये थे। अब 31 अगस्त की विपक्ष की बैठक से पहले जिस तरह शरद पवार और अजित पवार की करीबियां बढ़ रही हैं उसको देखते हुए अटकलें लग रही हैं कि हो सकता है पवार भी भाजपा के साथ आ जायें। हालांकि पवार इस संभावना से साफ इंकार कर रहे हैं लेकिन पवार जिस तरह की राजनीतिक गुगली फेंकते हैं उसको देखते हुए कुछ भी हो सकता है।


इस बीच, विपक्षी दलों के गठबंधन में शामिल दलों की प्रतिक्रियाएं भी आने लग गयी हैं। शिवसेना (यूबीटी) ने कहा है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार और महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार की बार-बार मुलाकात से राकांपा प्रमुख की छवि धूमिल हो रही है। शिवसेना (यूबीटी) के मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय में कहा गया है कि अजित पवार की शरद पवार (अपने चाचा) से बार-बार मुलाकात को देखना दिलचस्प है और राकांपा प्रमुख भी इससे बच नहीं रहे हैं। संपादकीय में कहा गया, ‘‘ऐसी आशंका है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के ‘चाणक्य’, अजित को शरद पवार से मिलने के लिए भेजकर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि इस तरह की मुलाकातें शरद पवार की छवि को धूमिल कर रही हैं और यह अच्छा नहीं है।’’ हम आपको बता दें कि शरद पवार और उपमुख्यमंत्री अजित पवार के बीच पुणे में एक व्यापारी के आवास पर हुई एक गुप्त बैठक के दो दिन बाद यह टिप्पणी आई है। अजित और शरद पवार के बीच इस बैठक ने राजनीतिक सरगर्मियां तेज कर दी है। यही नहीं, शरद पवार ने हाल ही में पुणे में प्रधानमंत्री को सम्मानित किये जाने वाले एक कार्यक्रम में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंच साझा किया था। हालांकि विपक्षी दलों ने पवार से ऐसा करने से बचने के लिए कहा था लेकिन पवार नहीं माने थे।

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सामना में प्रकाशित संपादकीय में कहा गया है, ‘‘रोजाना भ्रम की स्थिति पैदा करना अब लोगों की समझ से परे हो गया है। रोज-रोज के इस खेल से जनता अब उदासीन हो चुकी है।’’ संपादकीय के मुताबिक, कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष नाना पटोले ने भी अजित और शरद पवार के बीच बैठक को दिलचस्प करार दिया है। शिवसेना (यूबीटी) ने कहा, ‘‘हम यह कहना चाहेंगे कि महाराष्ट्र सरकार में भाजपा के साथ हाथ मिलाने का अजित पवार का फैसला मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट के साथ अब तक का सबसे बड़ा मजाक बन गया है।’’


दूसरी ओर, इस मुद्दे पर शरद पवार की प्रतिक्रिया की बात करें तो आपको बता दें कि उन्होंने कहा है कि उनकी पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ नहीं जाएगी, भले ही कुछ ‘‘शुभचिंतक’’ उन्हें इस बाबत मनाने की कोशिश कर रहे हैं। महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के सांगोला में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पवार ने कहा कि अगर उनके भतीजे अजित पवार उनसे मिलते हैं, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। शरद पवार ने कहा, “मैं राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में यह स्पष्ट कर रहा हूं कि मेरी पार्टी (राकांपा) भाजपा के साथ नहीं जाएगी। भारतीय जनता पार्टी के साथ कोई भी जुड़ाव राकांपा की राजनीतिक नीति में फिट नहीं बैठता है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि कुछ ‘‘शुभचिंतक’’ उन्हें मनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन वह कभी भी भाजपा के साथ गठबंधन नहीं करेंगे। शरद पवार ने बिना नाम लिए कहा, ‘‘हममें से कुछ (अजित पवार के नेतृत्व वाला राकांपा समूह) ने अलग रुख अपनाया है। हमारे कुछ शुभचिंतक यह देखने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या हमारे रुख में कोई बदलाव हो सकता है। यही कारण है कि वे हमसे सौहार्दपूर्ण चर्चा करने की कोशिश कर रहे हैं।’’ 


अजित पवार के साथ बैठक के बारे में पूछे जाने पर शरद पवार ने कहा, ‘‘मैं आपसे कहना चाहता हूं कि वह मेरे भतीजे हैं। भतीजे से मिलने में क्या बुराई है? यदि परिवार का कोई वरिष्ठ व्यक्ति परिवार के किसी अन्य सदस्य से मिलना चाहता है, तो इसमें कोई समस्या नहीं होनी चाहिए। अगर अजित पवार मुझसे मिलने आते हैं, तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। हम छिप-छिपकर नहीं मिलते।’’ शरद पवार ने कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ के कई नेता 31 अगस्त को मुंबई में बैठक करेंगे, जहां कई मुद्दों पर चर्चा होगी। राकांपा प्रमुख ने यह भी कहा कि लोग राज्य की बागडोर महा विकास आघाडी (एमवीए) को सौंपेंगे, जिसमें शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे), राकांपा (शरद पवार समूह) और कांग्रेस शामिल हैं। एक सवाल के जवाब में शरद पवार ने कहा कि वह अभी तक राकांपा के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक से नहीं मिले हैं, जिन्हें हाल में धन शोधन मामले में उच्चतम न्यायालय ने अंतरिम जमानत दी थी।


बहरहाल, हम आपको यह भी बता दें कि शरद पवार ने रविवार को दिवंगत विधायक गणपतराव देशमुख की प्रतिमा का अनावरण करने के लिए सोलापुर जिले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस के साथ भी मंच साझा किया था। 

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