By अनन्या मिश्रा | Dec 08, 2023
सनातन धर्म में पूजा-पाठ करना काफी अहम माना जाता है। पूजा-अर्चना के जरिए व्यक्ति भगवान के प्रति अपनी भावना और आस्था को दर्शाता है। मान्यता के अनुसार, पूजा करने से व्यक्ति के अंतरात्मा का शुद्धिकरण होता है। साथ ही इससे आस्था, विश्वास और शक्ति प्राप्त होती है। भगवान की पूजा करने से पहले हम सभी को पूजा-पाठ के कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। जिससे की इष्ट देव की पूजा करने में किसी तरह की परेशानी न आए।
पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति का आध्यात्मिक भाव बढ़ता है। वहीं भगवान की पूजा में दीपक जलाए जाने का खास महत्व होता है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी होता है कि कौन से देवी-देवता को किस प्रकार का दीपक जलाना शुभ होता है। यह भगवान के सामने दीपक में लगाई जाने वाली बत्तियों पर निर्भर करता है। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस प्रकार का दीपक जलाना शुभ होता है। साथ ही यह भी जानेंगे कि इससे क्या लाभ होता है।
एक मुखी दीपक
पूजा के दौरान दीपक जलाना शुभ माना जाता है। अपने इष्टदेव की पूजा के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। इस दीपक में बत्ती का उपयोग किया जाता है। जब आप किसी देवी-देवता की पूजा करते हैं, तो इस दौरान एक मुखी दीपक का इस्तेमाल करना शुभ माना जाता है।
दो मुखी दीपक
इसके साथ ही मां दुर्गा की पूजा के लिए दो मुखी दीपक जलाना चाहिए। इससे मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और जातक को मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
तीन मुखी दीपक
हिंदू धर्म में भगवान श्री गणेश को बुद्धि का देवता माना जाता है। भगवान गणेश की पूजा के दौरान तीन मुखी दीपक जलाना चाहिए। इससे वह जल्दी प्रसन्न होते हैं।
चौमुखी दीपक
बाबा काल भैरव की पूजा के दौरान सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाना शुभ माना जाता है।
पांच मुखी दीपक
बता दें कि भगवान भोलेनाथ के पुत्र कार्तिकेय की पूजा में पांच मुखी बत्ती का उपयोग करना चाहिए। इस तरह से देव कार्तिकेय की पूजा करने से जातक को कोर्ट-कचहरी के मामले में विजय प्राप्त होती है।
सात मुखी दीपक
सात बत्तियों वाले दीपक का उपयोग लक्ष्मी पूजन में करना चाहिए। मां लक्ष्मी को धन की देवी कहा जाता है। इससे जातक की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
आठ मुखी या बारह मुखी दीपक
कहा जाता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करना बेहद आसान होता है। इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। ऐसे में महादेव की पूजा के दौरान आठ या बारह बत्ती वाले दीपक का उपयोग करना चाहिए।
सोलह मुखी दीपक
भगवान श्रीहरि विष्णु को सृष्टि का पालनहार कहा जाता है। ऐसे में उनकी पूजा के लिए 16 बत्तियों वाले दीपक का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।