भारत के ग्रैंडमास्टर डी गुकेश ने गुरुवार को सबसे युवा वर्ल्ड चेस चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया। गुकेश ने गैरी कास्पारोव का रिकॉर्ड तोड़ी और खिताब जीतने वाले पहले युवा बने गए हैं। इस ऐतिहासिक जीत के बाद गुकेश अपने आंसू नहीं रोक पाए। उनके भावुक होने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वहीं18 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के विश्व शतरंज चैंपियन बनने के बाद गुकेश ने कहा कि, मैं बस अपना सपना जी रहा हूं। गुकेश ने उतार-चढ़ाव से भरे खिताबी मुकाबले की रोमांचक 14वीं और आखिरी बाजी में गत चैंपियन चीन के डिंग लिरेन को हराकर ऐतिहासिक जीत दर्ज की।
इस दौरान गुकेश ने कहा कि, मैं पिछले 10 साल से इस पल का सपना देख रहा था। मुझे खुशी है कि मैंने इस सपने को हकीकत में बदला। उन्होंने कहा, ‘‘मैं थोड़ा भावुक हो गया था क्योंकि मुझे जीत की उम्मीद नहीं थी। लेकिन फिर मुझे आगे बढ़ने का मौका मिला। ’’
गुकेश ने आगे कहा, ‘‘मैं छह-सात साल की उम्र से ही इस पल का सपना देख रहा था और इसे जी रहा था। हर शतरंज खिलाड़ी इस पल को जीना चाहता है। मैं अपना सपना जी रहा हूं। मैं कैंडिडेट्स से चैंपियनशिप तक के सफर के लिए भगवान का शुक्रिया अदा करना चाहता हूं।’’ साथ ही इस भारतीय स्टार ने अपने प्रतिद्वंद्वी लिरेन की भी प्रशंसा की।
उन्होंने डिंग के बारे में कहा कि, मेरे लिए डिंग एक विश्व चैंपियन है। वह एक सच्चे चैंपियन की तरह खेले। मुझे डिंग और उनकी टीम के लिए खेद है। मैं अपने प्रतिद्वंद्वी को धन्यवाद देना चाहता हूं।
अपने माता-पिता के योगदान के बारे में गुकेश ने कहा, ‘‘उनके लिए विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीतने का सपना मेरे सपने से बड़ा है। ’’ लिरेन ने कहा, ‘‘मुझे यह महसूस करने में समय लगा कि मैंने बड़ी गलती की है। मुझे लगता है कि मैंने साल का अपना सर्वश्रेष्ठ टूर्नामेंट खेला। ’’ गुकेश ने कहा कि, मैं बेहतर कर सकता था लेकिन अंत में हार के बाद यह एक उचित परिणाम है। मुझे कोई पछतावा नहीं है।