By अंकित सिंह | Jun 04, 2024
पलटू कुमार कहे जाने से लेकर संभावित किंगमेकर तक: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए जीवन पूर्ण चक्र में बदल रहा है। जनता दल (यूनाइटेड) बिहार में लगभग 12 लोकसभा सीटें जीतने की ओर अग्रसर है। पार्टी द्वारा 16 सीटों पर चुनाव लड़ने को देखते हुए जद (यू) की संख्या को और भी अधिक विश्वसनीय माना जा रहा है। भाजपा 17 सीटों पर लड़ी, जबकि चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) को 6 और जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को 1 सीट मिली। जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने नतीजों और रुझानों को नीतीश कुमार के नेतृत्व की पुष्टि बताया।
कुशवाह ने कहा, "यह कुमार के विकास के काम पर जनमत संग्रह है...वह राज्य के विकास पुरुष हैं और लोगों ने उन्हें वोट दिया है।" नीतीश कुमार की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में वापसी के बाद से यह अटकलें लगाई जा रही थीं कि यह चुनाव गठबंधन द्वारा मुख्यमंत्री नहीं बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पर लड़ा जाएगा। हालाँकि, नतीजे बताते हैं कि नीतीश की "सुशासन बाबू" छवि कायम है। विपक्ष ने उन पर दलबदलू का लेबल लगाने की कोशिश की लेकिन इसे राजनीतिक मुद्दा बनाने में असफल रहे। यहां तक कि विभाजन के बाद तेजस्वी यादव भी नीतीश के बारे में शब्दों के चयन में सावधानी बरत रहे थे।
नीतीश ने मुसलमानों को यह भी आश्वासन दिया कि एनडीए में उनकी वापसी के बाद उनके हितों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। नीतीश ने मुस्लिम मतदाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि काहे के लिए आप बीजेपी से खफा हैं? हम जो भी काम आपके लिए करेंगे वो उनके साथ ही ना करेंगे। वो कभी रोके नहीं। अब एनडीए सरकार के लिए नीतीश कुमार अब काफी अहम हो गए हैं। ऐसे में उनके अगले कदम का हर कोई इंतजार कर रहा है।
हालांकि, जेडीयू प्रवक्ता केसी त्यागी ने कहा कि हम अपने पिछले रुख पर कायम हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व में जेडीयू ने एक बार फिर एनडीए में अपना समर्थन जताया... हम एनडीए के साथ हैं, एनडीए के साथ बने रहेंगे। जद (यू) मंत्री ज़मा खान ने कहा कि नीतीश कुमार का निर्णय सर्वोच्च होगा क्योंकि उन्होंने हमेशा "बिहार के लोगों के लिए सोचा है"। उन्होंने कहा कि हमारे नेता जो भी निर्णय लेते हैं हम उसका पालन करते हैं और उनके कदम का सम्मान करते हैं। नतीजे सामने आने दीजिए। नीतीश कुमार ने हमेशा बिहार के लोगों के लिए सोचा है और उनका निर्णय सर्वोच्च होगा।