लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल यानी एलएसी पर भारत और चीन के बीच भले ही तनाव कम होने लगा हो। लेकिन भारतीय सेना की चौकसी कहीं से भी कम नहीं पड़ी है। भारतीय सेना से जुड़ी एक बहुत बड़ी जानकारी सामने आई है। चीन के खिलाफ भारतीय सेना ने रणनीतिक तौर पर एक बड़ी कामयाबी हासिल की है। खबर है कि भारतीय सेना ने एलएसी के इलाके में ऑप्टिकल फाइबर को बिछाने का काम कर लिया है। ये अपने आप में ऐतिहासिक कदम है। जिसे भारतीय सेना ने पूरी सफलता के साथ पूरा किया है। भारत चीन के बीच बीते चार साल से बने संघर्ष की स्थिति ने जैसे ही राहत की सांस ली उसके कुछ ही दिन बाद इस तरह की खबर का आना ये बताता है कि भारतीय सेना एलएसी पर लगातार अपनी क्षमताओं को कितना मजबूत करने का काम कर रही है।
तभी तो डिसइंगेजमेंट के बाद ये जानकारी सामने आई है। एलएसी पर ऑप्टिकल फाइबर को बिछाने का काम किया गया है। ये अपने आप में एक ऐतिहासिक कदम है। भारतीय सेना ने इसे हर इलाके तक पहुंचाने में कामयाबी हासिल की है। बात चाहे बर्फीली सियाचीन पहाड़ियों की हो या दौलतबेग ओल्डी इलाके की। फायर फ्यूरी कॉप के जवानों ने जो कामयाबी हासिल की है वो अपने आप में ऐतिहासिक है।
अनूठी पहल के तहत, स्टैनज़िन ने अपने निर्वाचन क्षेत्र विकास निधि से एक सौर ऊर्जा संयंत्र को वित्त पोषित किया और ग्रामीणों ने मोबाइल टावर को 24x7 चालू रखने के लिए एक बैटरी बैंक बनाया। लेकिन सिस्टम का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सेना से आया, जिसने टावर को सिग्नल हब से जोड़ने के लिए 5 किमी ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाई - एक महंगा निवेश जो निजी दूरसंचार कंपनियों को दूरदराज के इलाकों में सेवा शुरू करने से रोकता है। फ़ोब्रांग में 4जी कनेक्टिविटी पर्यटन को बढ़ावा देने में विशेष रूप से सहायक होगी।