By अभिनय आकाश | Sep 22, 2022
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के सम्मान समारोह का अवसर था। इसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, विपक्ष की नेता वसुंधरा राजे और अन्य कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने भाग लिया। वैसे तो इस बैठक का बंगाल या तृणमूल से कोई लेना-देना नहीं था। लेकिन जहां जगदीप धनखड़ मौजूद हों, वहां बंगाल का विषय न आना असामान्य लगता है। इसलिए ये मुद्दा सामने आया और जिसने बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) को काफी असहज कर दिया।
राजस्थान के मुख्यमंत्री और कांग्रेस के शीर्ष नेता अशोक गहलोत ने जगदीप धनखड़ से पूछा कि उन्होंने किस जादू से ममता को 'वश में' किया? वास्तव में ममता के साथ उनके संबंध तब चरमरा गए जब वे धनखड़ राज्य के राज्यपाल थे। तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने भी उन पर पक्षपात का आरोप लगाते हुए उन्हें 'पद्मापाला' करार दिया। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने अंततः उप-राष्ट्रपति चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार को वोट नहीं दिया। इसे इस तहह भी देखा गया कि सीधे तौर पर धनखड़ का समर्थन न करने पर भी तृणमूल ने मतदान से परहेज किया।
उस मुद्दे को उठाते हुए अशोक गहलोत ने तंज कसते हुए धनखड़ से पूछा, "मैं एक जादूगर हूं, लेकिन आपने ममता बनर्जी पर कौन सा जादू कर दिया? हालांकि, उपराष्ट्रपति धनखड़ ने सीधे सवाल का जवाब नहीं दिया। उन्होंने हंसते हुए कहा, "मैं राजनेता नहीं हूं। अशोक गहलोत, वसुंधरा राजे मुझसे बेहतर जानेंगे कि राजनीतिक फैसले क्यों लिए जाते हैं, किस आधार पर फैसले लिए जाते हैं। बंगाल के राज्यपाल के रूप में मैं वसुंधराजी से जानना चाहता हूं कि ममता पर कैसे जादू किया जाए? तब उपराष्ट्रपति धनखड़ ने भी ममता पर तंज कसते हुए कहा, ''मैंने ममता से जानना चाहा कि क्या मैंने संविधान के खिलाफ कोई कार्रवाई की है या नहीं?'' क्या मैंने कहीं कोई ऐसा बयान दिया है जिससे उन्हें बदनाम किया जा सके? गहलोत के बयान पर टीएमसी के सांसद सुखेंदु शेखर रॉय का बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत को सोचना चाहिए कि मरती हुई कांग्रेस को कैसे बचाया जाए।