By अभिनय आकाश | Jun 29, 2022
जर्मनी के म्यूनिख में G7 शिखर सम्मेलन के समापन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 28 जून को संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा की। पीएम मोदी की ये यात्रा वैसे तो केवल ढाई घंटे की रही, लेकिन मायने अपने आप में ही बेहद खास हैं। पैगंबर विवाद के बाद किसी इस्लामिक देश का ये पीएम मोदी का पहला दौरा है। यूएई ने भी एक बयान जारी कर मामले को लेकर चिंता जताई थी। मोदी यूएई के पूर्व राष्ट्रपति और अबू धाबी शासक शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान के निधन पर शोक व्यक्त करने यूएई गए। शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान का 13 मई को लंबी बीमारी के बाद 73 साल की उम्र में निधन हो गया। शेख खलीफा बिन जायद अल नाहयान यूएई के दूसरे राष्ट्रपति बने थे। शेख खलीफा की मौत के बाद शेख मोहम्मद बिन ज़ायेद अल नाहयान संयुक्त अरब अमीरात (यूएई ) के नए राष्ट्रपति चुने गए।
दोनों ही यूएई के नेताओं का भारत के साथ संबंधों में अहम योदगान रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने अबू धाबी में एक बैठक की। संयुक्त अरब अमीरात खाड़ी देशों में भारत के प्रमुख रणनीतिक साझेदारों में से एक है जो हमेशा भारत के साथ खड़ा रहा है। यूएई एकमात्र ऐसा इस्लामिक देश है, जिसने भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किया है। आर्थिक मोर्चे पर, भारत ने कोविड के बाद की आर्थिक सुधार योजना को चैनलाइज़ करने के लिए भारतीयों को फिर से काम पर रखने पर जोर दिया है।
चीन और अमेरिका के बाद संयुक्त अरब अमीरात भारत का तीसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। जबकि यूएई के लिए भारत उसका दूसरा सबसे बड़ा ट्रेड पार्टनर है। वर्ष 2019-20 में दोनों देशों के बीच 4 लाख 60 हजार करोड़ रुपये का व्यापार हुआ था। वर्ष 2019 में भारत ने यूएई को 2 लाख 26 हजार करोड़ रुपये की वस्तु और सेवाओं का निर्यात किया था। यूएई की कुल आबादी लगभग एक करोड़ है, जिनमें 35 लाख लोग अकेले भारत से हैं।