'गांधी परिवार से क्वात्रोची का क्या संबंध, सोनिया और राहुल को करना चाहिए खुलासा', BJP की मांग

FacebookTwitterWhatsapp

By अंकित सिंह | Mar 25, 2025

'गांधी परिवार से क्वात्रोची का क्या संबंध, सोनिया और राहुल को करना चाहिए खुलासा', BJP की मांग

बोफोर्स मुद्दे पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भाजपा नेता गौरव भाटिया ने मांग की कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को क्वात्रोची परिवार के साथ अपने संबंधों का पूरा खुलासा करने तक अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, जब तक कि वे क्वात्रोची परिवार के साथ अपने संबंधों का पूरा खुलासा नहीं कर देते। देश के नागरिकों के लिए वे कम से कम इतना तो कर ही सकते हैं। 

 

इसे भी पढ़ें: Jan Gan Man: धर्म के आधार पर आरक्षण को लेकर सरदार पटेल और बाबा साहेब अम्बेडकर ने क्या कहा था?


भाजपा नेता ने दावा किया कि 1984-1988 के बीच इटली में भारत के राजदूत ने बयान दिया है कि (पूर्व प्रधानमंत्री) राजीव गांधी मुख्य सूत्रधार थे, और उनके (व्यापारी) ओटावियो क्वात्रोची के साथ बहुत करीबी संबंध थे। तत्कालीन CAG ने कहा कि प्रतिस्पर्धी तोपों के मूल्यांकन में गंभीर खामियां थीं। उन्होंने शुरूआत में कहा कि आज की ये प्रेसवार्ता कांग्रेस में भ्रष्टाचार है, दलाली है और गांधी परिवार केवल कमीशनखोरी करता है, ये जगजाहिर है। लेकिन इसके साथ जो तथ्य सामने आए हैं, उससे ये कहना भी गलत नहीं होगा कि नकली गांधी परिवार देश के साथ गद्दारी भी करता है, ये नागरिकों के साथ गद्दारी करता है।


गौरव भाटिया ने कहा कि एक लेखक हैं चित्रा सुब्रमण्यम जी, उनकी एक किताब आई है और इस किताब में जो तथ्य सामने आए हैं वो बेहद ही चिंताजनक हैं। ये तथ्य पुनः उजागर करते हैं कि चाहे वो राजीव गांधी हों या सोनिया गांधी, ये दलाली भी करेंगे और देश के साथ गद्दारी भी करते हैं। उन्होंने कहा कि बोफोर्स की दलाली, राजीव गांधी और सोनिया गांधी के दामन पर एक ऐसा दाग है जो कभी नहीं मिटेगा। लेकिन जो तथ्य अब सामने आए हैं, उससे राष्ट्र सुरक्षा को लेकर कुछ सवाल हम उठाना चाहते हैं।


उन्होंने कहा कि बोफोर्स घोटाले में इतालवी व्यवसायी तावियो क्वात्रोची की मुख्य भूमिका थी। उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी और सोनिया गांधी के साथ घनिष्ठ संबंध बनाए रखे और खुलेआम दावा किया कि वे कंपनियों के लिए सरकारी अनुबंध हासिल कर सकते हैं। क्वात्रोची के पास भारतीय प्रधानमंत्री से पहले ही प्रमुख रक्षा सौदों से जुड़ी गोपनीय सरकारी फाइलों तक पहुंच थी। राजीव गांधी के कार्यकाल के दौरान, क्वात्रोची ने विशिष्ट कंपनियों के पक्ष में बदलाव किए और अनुबंध हासिल किए, जिसमें राजीव गांधी ने इन बदलावों में मदद की।

 

इसे भी पढ़ें: Gujarat में जन्मे Rajeev Chandrasekhar को Modi-Shah की जोड़ी ने Kerala की राजनीति में क्यों उतार दिया?


भाटिया ने कहा कि भारत की सेना और वायुसेना राफेल मांगती रही, लेकिन 10 साल तक वो डील नहीं हो पाई। लेकिन ऐसा प्रतीत हो रहा है कि उस समय गांधी परिवार अपने कमीशन का इंतजार करता रहा। कोई भी रक्षा सौदा हो, गांधी परिवार का केवल एक ही मकसद है कि उनकी तिजोरी में कितनी काली कमाई आएगी।

प्रमुख खबरें

Khatron Ke Khiladi 15: Rohit Shetty के शो में शामिल होंगी गोविंदा की भतीजी Ragini Khanna, ग्रेसी गोस्वामी और अन्य? यहां देखें संभावित लिस्ट

उपसभापति का पद अभी भी खाली क्यों है? लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से विपक्ष का सवाल

Parliament Live| जानें संसद में आज किन मुद्दों पर हुई चर्चा, लेटेस्ट अपडेट

म्यांमार में इमरजेंसी, बैंकॉक में ट्रेन सर्विस सस्पेंड, भारतीय वायुसेना ने C17 ग्लोबमास्टर को स्टैंडबाय पर रखा