By कमलेश पांडेय | Oct 18, 2021
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समय-समय पर विभिन्न प्रकार की योजनाएँ आरम्भ करते हैं, जिससे कि देश का कोई भी नागरिक बेरोज़गार ना रहे। प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के माध्यम से भी उन्होंने देश के युवाओं को रोज़गार सृजित करने की एक सकारात्मक पहल की है। इसी वर्ष 75वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उन्होंने देश को सम्बोधित करते हुए एक नयी योजना का आरम्भ करने की घोषणा की, वही प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना है।
इस योजना के माध्यम से देश के युवाओं को रोज़गार के अवसर प्रदान किए जाएँगे, इसलिए इसका कुल बजट 100 लाख करोड़ निर्धारित किया गया है। इस योजना के माध्यम से इन्फ़्रस्ट्रक्चर का सर्वांगीण विकास भी सुनिश्चित किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत लोकल मैन्युफ़ैक्चरर भी वर्ल्ड लेवल पर प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे और भविष्य में नए इकोनॉमिक जोन भी विकसित किए जाएँगे।
यह योजना पीएम नरेंद्र मोदी की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसका उद्देश्य लॉजिस्टिक्स पर आने वाले खर्च को कम करना है। इसके तहत कार्गो हैंडलिंग कैपेसिटी को बढ़ाना और माल (सामान) एक जगह से दूसरी जगह भेजने में लगने वाले समय को कम करने का लक्ष्य भी शामिल किया गया है। इस योजना के ब्लूप्रिंट में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट की बात की गई है, जिसमें सड़क, रेलवे और पोर्ट आदि सभी शामिल हैं।
आइए जानते हैं कि प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना क्या है, इसका उद्देश्य क्या है, इससे लाभ कितना होगा, इसकी विशेषताएँ कौन-कौन सी हैं, इसकी पात्रता क्या है, इसमें कौन से महत्वपूर्ण दस्तावेज लगेंगे। इसकी आवेदन प्रक्रिया, लॉन्चिंग, कार्यान्वयन, किए जाने वाले कार्य आदि के बारे में भी इस आलेख में चर्चा करेंगे।
देखा जाए तो किसी एक प्रोजेक्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर काम करने वाले सभी विभाग को एक साथ लाकर एक प्लेटफार्म पर खड़ा करना इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है, जिससे बेहतर कनेक्टिविटी और तेज आर्थिक विकास का मौका पैदा होता है। इससे बड़े पैमाने पर इंफ्रास्ट्रक्चर भी खड़ा होता है, जिससे देश के उद्योगों को मदद मिलती है और लोगों को नौकरियां भी।
# हर इलाके में आर्थिक विकास का एक बड़ा जरिया होती हैं सड़कें
इस बात में कोई दो राय नहीं कि देश ही नहीं दुनिया के हर इलाके में आर्थिक विकास का एक बड़ा जरिया सड़कें होती हैं। ऐसे कई उदाहरण हैं जहां प्रमुख सड़कों की वजह से ही निवेश आता है और इससे जुड़े इलाकों में इंफ्रा डिवेलपमेंट होता है, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार के मौके उत्पन्न होते हैं। इसलिए पीएम गति शक्ति प्लान में 11 औद्योगिक कॉरिडोर्स और 2 डिफेंस कॉरिडोर्स के बीच इंटरकनेक्टिविटी की बात की गई है।
साथ ही, इसमें 220 एयरपोर्ट, हैलिपैड और वॉटर एयरोड्रम के साथ ही 2 लाख किमी का एनएच नेटवर्क बनाने की भी बात है। इस प्लान में कार्गो हैंडलिंग कैपेसिटी बढ़ाने, सभी गांवों में 4जी कनेक्टिविटी, 17000 किमी गैस पाइपलाइन और 200 से ज्यादा फिशिंग क्लस्टर बनाने जैसे प्लान भी शामिल हैं। इसलिए पीएम गति शक्ति प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए मंत्रालयों के बीच एक नजदीकी सहयोग की जरूरत होगी।
योजना लक्ष्य के मुताबिक, इस प्लान को 2024-25 तक पूरा किया जाना है, और साल 2024 में ही देश में आम चुनाव भी होंगे, जिसका लाभ पीएम मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा को मिलेगा। क्योंकि तबतक पीएम गति शक्ति प्रोजेक्ट से भारत के लिए बड़े पैमाने पर आर्थिक संपत्तियां खड़ी हो सकती हैं। हालांकि 100 लाख करोड़ रुपये के इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की सफलता या विफलता इस बात पर निर्भर करती है कि इसमें निजी सेक्टर की कितनी भागीदारी होने वाली है।
# देश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के सभी पक्ष के बीच समन्वय के साथ होगा काम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गति शक्ति योजना का पहला उद्देश्य है कि देश में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के सभी पक्ष के बीच समन्वय के साथ काम हो। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट में समय कम लगेगा और संसाधनों की बर्बादी कम करने में मदद मिलेगी। डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के निर्माण में तेजी लाई जाएगी।
वहीं, दूसरा उद्देश्य है लॉजिस्टिक्स पर आने वाले खर्च को कम करना, कार्गो हैंडलिंग कैपेसिटी को बढ़ाना और सामान एक जगह से दूसरी जगह भेजने में लगने वाले समय को कम करना। इसके निमित्त रेलवे की कार्गो हैंडलिंग क्षमता को 1600 मैट्रिक टन किया जाएगा, जो कि वर्तमान में 1200 मैट्रिक टन है। इस समय देश के मौजूदा ट्रांसपोर्ट के संसाधनों में आपसी तालमेल का भी अभाव है, इसलिए इस गतिरोध को भी इस योजना के माध्यम से ही समाप्त किया जाएगा।
वहीं, तीसरा उद्देश्य है किसी एक प्रोजेक्ट के इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर काम करने वाले सभी विभाग को एक साथ लाकर एक प्लेटफार्म पर खड़ा करना। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी नेशनल हाईवे का नेटवर्क बढ़ाकर दो लाख किलोमीटर करना चाहते हैं। इसके साथ ही देश में 200 नए एयरपोर्ट, हेलीपोर्ट और वाटर एयरोड्रम बनाने की योजना है। खासकर गंगा नदी में 29 एमएमटी की क्षमता का एवं अन्य नदियों में 95 एमएमटी की क्षमता का ढुलाई प्रोजेक्ट आरंभ किया जाएगा।
वहीं, चतुर्थ उद्देश्य है इसकी मदद से 11 इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और दो नए डिफेंस कॉरिडोर बनाए जाने हैं। डिफेंस कॉरिडोर तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में बनाए जाएंगे। इसमें 20 हजार करोड़ रुपए के निवेश किये जाएंगे, जिससे कि देश में 1.7 लाख करोड़ रुपए के डिफेंस उपकरणों का उत्पादन हो सकेगा, जिसका बड़ा हिस्सा निर्यात भी किया जाएगा। वहीं, दूरसंचार विभाग द्वारा 35 लाख किमी का ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क 2024-25 तक बिछाया जाएगा। हर गांव को 4जी कनेक्टिविटी दी जाएगी।
वहीं, पांचवां उद्देश्य है कि देश में 17000 किलोमीटर का गैस पाइपलाइन नेटवर्क बिछाया जाएगा। इन उद्देश्यों की पूर्ति के लिए प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना की मदद से अलग-अलग मंत्रालय के लिए एक कॉमन अंब्रेला प्लेटफार्म बनाया जाएगा। जिसमें इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट की प्लानिंग की जा सकेगी और उसे पूरा करने की योजना पर अमल किया जा सकेगा। अलग-अलग मंत्रालय या विभाग से कोआर्डिनेशन करने में कोई दिक्कत ना हो, इसलिए एक अंब्रेला प्लेटफार्म की प्लानिंग की गई है।
# इससे देश के आर्थिक विकास को गति और शक्ति दोनों मिलेगी
अगर इसे सुनिश्चित किया जा सके तो इससे देश के आर्थिक विकास को गति और शक्ति दोनों मिलेगी। हाइवे का जाल, टेली कनेक्टिविटी, पोर्ट इंफ्रास्ट्रक्चर का मजबूत होना, गैस पाइपलाइन नेटवर्क जैसे काम गति शक्ति प्रोजेक्ट में शामिल हैं। इसके साथ ही केंद्र और राज्यों के अलग-अलग मंत्रालय या विभाग के बीच समन्वय होना भी एक बड़ी चुनौती है।
यह योजना उद्योगों की गति को बढ़ाने में कारगर साबित होगी। इसके माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को भी गति मिलेगी। इसके अलावा, देश में मौजूदा ट्रांसपोर्ट के संसाधनों में आपसी तालमेल का भी अभाव है। लिहाजा इस गतिरोध को भी समाप्त किया जाएगा। गत 13 अक्टूबर 2021 को ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना का शुभारंभ किया गया है। जिसके माध्यम से 16 मंत्रालय को डिजिटल मंच के माध्यम से जोड़ा जाएगा। इस योजना के माध्यम से विभिन्न मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही परियोजनाओं की निगरानी भी की जाएगी, जिससे कि उन्हें बेहतर ढंग से संचालित किया जा सके।
# 21वीं सदी का भारत सरकारी व्यवस्था की पुरानी सोच को पीछे छोड़कर बढ़ रहा है आगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ कहा है कि 21वीं सदी का भारत सरकारी व्यवस्था की पुरानी सोच को पीछे छोड़कर आगे बढ़ रहा है। इसलिए इसके माध्यम से विकास को गति मिलेगी एवं हर काम समय से हो सकेगा। इससे अगली पीढ़ी के इंफ्रास्ट्रक्चर और मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को भी शक्ति मिलेगी। इसके अलावा, इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी सरकारी नीतियों में प्लानिंग से लेकर एजुकेशन तक यह योजना गति देगी।
इस योजना के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के चलते समय और पैसे की बर्बादी ना हो। इसलिए 16 मंत्रालय की परियोजनाओं की मॉनिटरिंग इस योजना के माध्यम से ही हो सकेगी। इसके अलावा, इस योजना के अंतर्गत 16 मंत्रालयों और विभागों की उन सभी परियोजनाओं को ज्योग्राफिक इनफार्मेशन सिस्टम मोड में डाल दिया गया है जिन्हें सन 2024-25 तक पूरा किया जाना है।
# परिवहन साधनों में भी तालमेल स्थापित किया जाएगा
इस योजना के माध्यम से परिवहन साधनों में भी तालमेल स्थापित किया जाएगा। खास तौर पर लोकल मैन्युफैक्चरर इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकेंगे। इसके अलावा, एमएसएमई सेक्टर का भी इस योजना के माध्यम से विकास हो सकेगा। यातायात के संसाधनों को सुलभ बनाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर भी इस योजना के माध्यम से विकसित किया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत रेलवे, सड़क और राजमार्ग, पेट्रोलियम और गैस, बिजली, दूरसंचार आदि सहित 16 विभागों के उच्च अधिकारियों के नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप भी गठित किया जाएगा।
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के अंतर्गत ज्योग्राफिक इनफॉरमेशन सिस्टम आधारित प्लानिंग, रूट प्लानिंग, मॉनिटरिंग और सैटेलाइट तस्वीरों जैसी टेक्नोलॉजी मंत्रालय को दी जाएगी। प्रत्येक मंत्रालय को लॉगिन आईडी प्रदान की जाएगी, जिससे कि वह अपना डाटा अपडेट कर सकेंगे। इस डाटा को एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध करवाया जाएगा, जिसके माध्यम से प्रत्येक मंत्रालय एक दूसरे के काम पर नजर रख सकेगा, जिससे कि कलेक्टिव रिस्पांसिबिलिटी में बढ़ोतरी होगी।
निःसंदेह यह योजना देश की अर्थव्यवस्था को सुधारने में भी कारगर साबित होगी। इसी के साथ देश में बेरोजगारी दर में भी गिरावट आएगी। इस योजना के माध्यम से लोकल मैन्युफैक्चरर्स को वर्ल्ड लेवल पर प्रतिस्पर्धी बनाया जा सकेगा, जिससे कि देश में आयात बढ़ेगा एवं उद्योगों का विकास होगा। उद्योगों का विकास करने के लिए इस योजना के माध्यम से नए इकोनामिक जोन भी विकसित किए जाएंगे।
# प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना की पात्रता एवं महत्वपूर्ण दस्तावेज
प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना की पात्रता एवं महत्वपूर्ण दस्तावेज के लिए जरूरी है कि आवेदक भारत का स्थाई निवासी होना चाहिए। उसके पास आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी भी होना चाहिए। इसके लिए पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ की भी जरूरत है।
# गतिशक्ति से राष्ट्र की प्रगति को मिली है नई 'शक्ति'
निर्विवाद रूप में इस योजना के शुभारंभ से राष्ट्र की प्रगति को नई 'शक्ति' मिली है। दिग्गज नेताओं ने भी सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान की पैरवी की है और इसकी मुख्य विशेषताओं को रेखांकित करते हुए बताया कि यह 21वीं सदी के भारत को कैसे गति प्रदान करेगी। देखा जाए तो पिछले 7 वर्षों में देश भर में 16 हजार किलोमीटर से अधिक लंबी गैस पाइपलाइन का काम चल रहा है।
इसी अवधि में 9 हजार किलोमीटर से अधिक रेलवे लाइन को दोगुना किया गया है और 24 हजार किलोमीटर से अधिक रेलवे ट्रैक का विद्युतीकरण किया गया है। यही प्रगति 21वीं सदी के भारत का मूल मंत्र है।
आज मनुष्य प्रगति के लिए काम, प्रगति के लिए धन, प्रगति के लिए योजना और प्रगति के लिए प्राथमिकता है और पीएम गतिशक्ति-राष्ट्रीय मास्टर प्लान इन सभी मुद्दों को संबोधित करेगा।
कहना न होगा कि मैक्रो प्लानिंग और सूक्ष्म कार्यान्वयन के बीच व्यापक अंतर है। इसमें समन्वय की कमी की समस्या हमेशा निर्माण में बाधा डालती है और बजट की बर्बादी करती है। इसलिए जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में मौजूदा सरकार 7 साल पहले सत्ता में आई तो सैकड़ों परियोजनाएं अटकी हुई थीं। इसलिए उन्होंने इन सभी परियोजनाओं को एक मंच पर रखा और बाधाओं को दूर करने की कोशिश की, जिसके कारण दशकों से अधूरे कई प्रोजेक्ट पूरे हो रहे हैं। इस प्रकार गतिशक्ति योजना विभिन्न केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकार की बुनियादी ढांचा योजनाओं को शामिल करेगी। इसका मास्टर प्लान विशाल दक्षता के साथ काम जल्दी पूरा करना भी सुनिश्चित करेगा।
- कमलेश पांडेय
वरिष्ठ पत्रकार व स्तम्भकार