By अनुराग गुप्ता | Feb 22, 2021
कोलकाता। पश्चिम बंगाल की सियासी नब्ज को अच्छी तरह से जानने वाले भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी कभी ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस में दूसरे नंबर के नेता थे। हालांकि विधानसभा चुनाव से पहले शुभेंदु अधिकारी ने ममता को झटका देकर भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी और कई और नेताओं को पार्टी में शामिल भी कराया था।
कौन हैं शुभेंदु अधिकारी ?
शुभेंदु अधिकारी बंगाल की ममता सरकार में परिवहन, सिंचाई और जल संसाधन मंत्री थे। वह 15वीं और 16वीं लोकसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। शुभेंदु अधिकारी का जन्म 15 दिसंबर 1970 को पूर्बा मेदिनीपुर जिले के करकुली में हुआ था। शुभेंदु अधिकारी के पिता शिशिर अधिकारी तीन बार सांसद रहे और मनमोहन सिंह सरकार में मंत्री भी थे।
राजनीतिक सफर
शुभेंदु अधिकारी के राजनीतिक कॅरियर की शुरुआत भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) से हुई। साल 1995 में अधिकारी नगर पालिका में पहली बार कांग्रेस के पार्षद चुने गए थे। हालांकि फिर उन्होंने तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ले ली थी। बताया जाता है कि साल 2006 के विधानसभा चुनाव में शुभेंदु अधिकारी ने पहली बार कांथी दक्षिण सीट से चुनाव जीता था। इसके बाद वह 2009 में लोकसभा पहुंचे और 2014 में भी अपनी पकड़ को मजबूत बनाए रखा। हालांकि 2016 में वापस से नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की।
मेदिनीपुर में अधिकारी परिवार का दबदबा
जैसे-जैसे समय गुजरता गया शुभेंदु अधिकारी की पकड़ राजनीति में मजबूत होती गई। पारिवारिक विरासत के साथ तृणमूल को मजबूत करने में जुटे शुभेंदु ममता के करीबी हो गए और उन्हें उनका दाहिना हाथ समझा जाने लगा। शुभेंदु के पिता शिशिर अधिकारी ने साल 1982 में कांग्रेस की टिकट पर कांथी दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक बने थे। बाद में वह तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए और अभी वह कांथी लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इतना ही नहीं शुभेंदु के भाई दिब्येंदु तमलुक लोकसभा सीट से सांसद हैं। जबकि एक भाई सौम्येंदु जो कांथी नगरपालिका के अध्यक्ष थे उन्होंने भी भाजपा का दामन थाम लिया है।
इन जिलों में है अधिकारी परिवार का प्रभाव
पूर्वी मेदिनीपुर, पश्चिमी मेदिनीपुर, बांकुड़ा, पुरुलिया, मुर्शिदाबाद और मालदा की ज्यादातर सीटों पर अधिकारी परिवार का दबदबा है। वैसे तृणमूल को सत्ता में काबिज होने के लिए जिस नंदीग्राम आंदोलन की जरूरत महसूस हुई थी उसमें शुभेंदु अधिकारी का अहम रोल था।