By अंकित सिंह | Jun 15, 2023
पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव को लेकर राजनीति जारी है। हालांकि, नामांकन के दौरान हिंसा की भी खूब खबरे आईं हैं। विपक्षी दल राज्य सरकार पर हमलावर हैं। विपक्षी दलों की ओर से राज्य में चुनाव के दौरान अर्धसैनिक बलों की तैनाती की मांग की गई थी। इन सब के बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग को सभी जिलों में 48 घंटे के अंदर केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दिया है। कलकत्ता हाई कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश खंडपीठ ने 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए राज्य के सभी जिलों में केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के लिए आदेश दिए। 48 घंटे के भीतर राज्य चुनाव आयोग को केंद्रीय बलों के लिए केंद्र से अनुरोध करना होगा।
इससे पहले उच्च न्यायालय ने पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) से स्पष्टीकरण मांगा था। कलकत्ता उच्च न्यायालय ने आठ जुलाई को होने वाले पश्चिम बंगाल पंचायत चुनावों के लिए केंद्रीय बलों की तैनाती का मंगलवार को आदेश दिया था। साथ ही अदालत ने एसईसी को पंचायत चुनावों के लिए पश्चिम बंगाल के पुलिस बल के साथ मिलकर काम करने के वास्ते केंद्रीय बलों की मांग करने को कहा था। मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवज्ञानम की अध्यक्षता वाली खंडपीड ने कहा कि मंगलवार को पारित उसके आदेश के खिलाफ एसईसी हमेशा अर्जी दाखिल कर सकता है, अन्यथा केंद्रीय बलों की मांग और उनकी तैनाती करनी होगी।
नामांकन के दौरान हुई हिंसा की घटनाओं पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पर अपना बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस्लामपुर और अन्य जगह जो समस्या हुई उसमें हमारी पार्टी की कोई भागीदारी नहीं है। जिन लोगों ने किया है उन्हें हमने टिकट नहीं दिया, उन्होंने हमसे टिकट मांगा लेकिन उनका रिकॉर्ड देखते हुए हमने उन्हें टिकट नहीं दिया। हमने साख देखकर टिकट दिया है, मैंने पुलिस को भी उनके खिलाफ सख्त एक्शन लेने को कहा है। ममता ने आरोप लगाया कि पंचायत चुनाव नामांकन के दौरान हुई हिंसा में माकपा, आईएसएफ संलिप्त हैं। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करने का आज आखिरी दिन है।