By दिनेश शुक्ल | Oct 12, 2020
भोपाल। हमें गर्व है कि हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गरीब मां के बेटे हैं और हमारे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गरीब किसान के बेटे हैं। ये गरीब परिवारों से हैं, इसलिए गरीब का दर्द जानते हैं, और गरीबों के मसीहा बनकर उनके कल्याण का काम कर रहे हैं। कांग्रेस के नेताओं की तरह उनका खून नहीं चूसते। यह बात भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद विष्णुदत्त शर्मा ने मीडिया से चर्चा के दौरान कांग्रेस नेता दिनेश गुर्जर की मुख्यमंत्री चौहान के बारे में की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कही।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान गरीब परिवार और किसान के बेटे होने के कारण ही मुख्यमंत्री बने। गरीब किसान के बेटे हमारे मुख्यमंत्री जी ने गरीबों को मकान देने, प्रतिभावान छात्रों की फीस भरने जैसे काम किए, जबकि उद्योगपति मुख्यमंत्री कमलनाथ ने अपने शासन के दौरान जनहितैषी योजनाएं बंद करके गरीबों का हक छीन लिया था। उन्होंने कहा कि यही कांग्रेस की मानसिकता है। शर्मा ने कहा कि उद्योगपति कमलनाथ ने कभी गांव, खेत, धूप और धूल नहीं देखी, वे गरीबों का दर्द क्या जानें। शर्मा ने कहा कि कमलनाथ जब छिंदवाड़ा आए थे, तो खाली थैला लेकर आए थे। गरीबों का खून चूसकर उद्योगपति बन गए। प्रदेश के गरीबों के साथ छल किया, भ्रष्टाचार किया और आज अरबपति बन गए हैं।
शर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अब ये दुहाई दे रहे हैं कि आने वाला चुनाव लोकतंत्र को बचाने का चुनाव है।
जबकि कांग्रेस के ही वरिष्ठ नेता डॉ. गोविंद सिंह कहते हैं कि कमलनाथ के निर्णयों से कांग्रेस का आंतरिक लोकतंत्र खत्म हो गया है। यही नहीं, बल्कि इस देश में इमरजेंसी लगाकर इंदिरा गांधी जी के साथ लोकतंत्र की हत्या की योजना के रणनीतिकार भी कमलनाथ ही थे। उन्होंने कहा कि इमर्जेंसी में स्व. राजामाता जी को भी 19 महीने जेल में काटना पड़े थे, जिनकी हम आज जन्म शताब्दी मना रहे हैं। शर्मा ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया जी ने जो कदम उठाया है, वह कमलनाथ जी को प्रदेश से बोरिया-बिस्तर समेट कर जाने पर मजबूर कर देगा।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि कमलनाथ ने वल्लभ भवन को दलाली का अड्डा बना दिया था। उन्होंने लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए जनप्रतिनिधियों का अपमान किया और आज भी कर रहे हैं। उन्हें हमेशा पैसा दिखता है, इसलिए उन्होंने दिग्विजयसिंह के इशारे पर मध्य प्रदेश में खरीद-फरोख्त और और दबाव की राजनीति का काम शुरू किया। इसे भारतीय जनता पार्टी ने रोका। सिंधिया जी ने कमलनाथ सरकार की जमीन खिसका दी और कांग्रेस को सत्ता से बाहर जाना पड़ा। अब अपना अस्तित्व खतरे में नजर आ रहा है तो कमलनाथ और दिग्विजय सिंह सिंधिया जी के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सिंधिया ने कांग्रेस में रहते हुए भी राम मंदिर, सीएए, धारा-370 की समाप्ति का समर्थन किया और ये संस्कार स्व. राजामाता जी के समय से ही उनके भीतर थे, जो अब मुखरित हुए हैं। शर्मा ने कहा कि जनता ने आज जीतू पटवारी, कमलनाथ और कांग्रेस के नेतृत्व को आईना दिखा दिया है कि कांग्रेस की सरकार ने मध्य प्रदेश में क्या काम किया है।