By अभिनय आकाश | Apr 02, 2025
वक्फ संशोधन बिल को लेकर लोकसभा में जबरदस्त चर्चा चल रही है। एनडीए के तमाम सहयोगी दलों के सांसद बहस में अपनी बात मजबूती से रख रहे हैं। वहीं कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी पार्टियों की बोलती बंद हो गई है। जेडीयू सांसद ललन सिंह ने लोकसभा में जोरदार भाषण दिया है। पहले वक्फ बिल को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। अफवाह फैलाया जा रहा था कि जेडीयू का पक्ष बदल सकता है। लेकिन तमाम बातों से इतर ललन सिंह ने खुलकर अपनी बातें रखी हैं और बताया है कि किस तरह से ये बिल मुस्लिम विरोधी नहीं है। उन्होंने पीएम मोदी के काम की भी जबरदस्त तारीफ की है। कांग्रेस पार्टी पर भी निशाना साधते हुए उन्होंने कहा है कि हमें आपसे सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है। ललन सिंह ने पहले ही कहा था कि हम अपना स्टैंड लोकसभा के अंदर बताएंगे।
इसे ही पॉलिटिकल गूगली कहते हैं। नीतीश की पार्टी ने ऐसी गूगली मारी की कई धुरंधर चारों खाने चित हो गए। तमाम बुद्धिजीवी पत्रकार से लेकर एक्टिवस्ट कम विश्लेषक ये दावा कर रहे थे कि नीतीश कुमार पलटी खा जाएंगे। वक्फ के बदलाव के खिलाफ बयान देंगे। वॉकआउट कर जाएंगे। कई सारी बातें कही गई। लेकिन ललन सिंह ने जिस तरीके से कांग्रेस पार्टी और तमाम विपक्ष के ऊपर हमला किया है कि उनकी बोलती बंद हो गई। लेकिन सबसे गौर करने वाली बात ये है कि इतना बड़ा मुद्दा संसद में उठ रहा है तो राहुल गांधी सदन से नदारद दिखे। ललन सिंह ने अपने बयान में साफ किया कि ये कोई रिलिजियस यूनिट नहीं बल्कि प्रशासनिक यूनिट है और इसमें कोई धर्म का एंगल ही नहीं है।
एनडीए के प्रमुख सहयोगी जनता दल-यूनाइटेड (जदयू) ने शुरू से इस बिल को रेट्रोस्पेक्टिव यानी पुरानी तारीख से लागू करने का विरोध किया था। जदयू नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के सामने रखी थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर एनडीए की सहयोगी जेडीयू की बड़ी मांग को मान लिया। लोकसभा में वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पेश करते खुद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इसकी घोषणा की। दरअसल, जेडीयू बार-बार कहती रही है कि उसका मानना है कि इस विधेयक को भविष्योनमुखी बनाया जाए।
बिहार में मुस्लिम आबादी करीब 18 प्रतिशत है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार में एनडीए को कुल मुस्लिम वोटों में से 6 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं इंडिया गठबंधन (महागठबंधन) को 77 प्रतिशत वोट मिले थे। बिहार विधानसभा चुनाव में भी एनडीए को मात्र 5 फीसदी और महागठबंधन को 76 फीसदी वोट मिले थे। 2024 के लोकसभा चुनाव में एनडीए को 12 फीसदी और इंडिया गठबंधन को 87 प्रतिशत मुस्लिमों के वोट मिले थे। हालांकि जेडीयू के लिए मुस्लिम वोट को अहम माना जाता रहा है। इस लिहाज से दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय इस विधेयक को अपने अधिकारों पर हमला मानता है, तो जेडीयू को नुकसान उठाना पड़ सकता है। हालांकि जेडीयू ने साफ किया है कि इस बिल से गरीब मुसलमानों को फायदा होगा।