By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Apr 26, 2025
पाकिस्तान ने शुक्रवार को कहा कि अगर भारत दोनों देशों के बीच संघर्ष को बढ़ाता है तो उसके (पाकिस्तान) पास शिमला समझौता रद्द करने का विकल्प है। पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव के मध्य पाकिस्तान ने बृहस्पतिवार को 1972 के शिमला समझौते सहित सभी द्विपक्षीय समझौतों को निलंबित करने की धमकी दी थी।
यह नयी दिल्ली द्वारा राजनयिक संबंधों को कमतर किए जाने और सिंधु जल संधि (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित किए जाने के बाद इस्लामाबाद की ओर से उठाए गए कदमों में से एक था।
शिमला समझौते को रद्द करने के निहितार्थ के बारे में पूछे जाने पर पाकिस्तान विदेश कार्यालय के प्रवक्ता शफकत अली ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा समिति ने बहुत स्पष्ट रूप से कहा है कि अगर भारत तनाव बढ़ाने के इस रास्ते पर चलता है तो हमारे पास ऐसा करने का विकल्प है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ दो देशों के बीच संबंध कुछ ढांचों और कानूनी समझौतों पर आधारित होते हैं, जिनमें संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और द्विपक्षीय समझौतों की एक श्रृंखला शामिल है।’’
अली ने कहा, ‘‘ अगर दोनों पक्षों में से कोई एक पूरी तरह से उदासीन है और अगर उसे ऐसा लगता है कि दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय समझौता दूसरे देश पर किया गया एहसान है तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण परिदृश्य है। और उस हालात में हम स्थिति के अनुसार अपने विकल्पों का प्रयोग करेंगे।’’ शिमला समझौता दोनों देशों के बीच नियंत्रण रेखा को मान्यता देता है तथा इसमें यह कहा गया है कि मतभेदों को बातचीत के माध्यम से सुलझाया जाएगा।