By अनन्या मिश्रा | Mar 26, 2025
हर साल चैत्र माह की एकादशी तिथि को पापमोचनी एकादशी का व्रत किया जाता है। यह दिन जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि विष्णु को समर्पित होता है। इस शुभ मौके पर भगवान श्रीहरि विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। एकादशी का व्रत करने से मनचाहा वरदान मिलता है। पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से जातक को मनोवांछित फल प्राप्त होता है। पापमोचनी एकादशी का व्रत करते ने जाने-अंजाने में किए गए पापों से मुक्ति मिलती है।
पापमोचनी एकादशी
बता दें कि 26 मार्च 2025 को वैष्णवजन पापमोचनी एकादशी का व्रत कर रहे हैं। पापमोचनी एकादशी का व्रत करने से जातक के सुख-सौभाग्य में वृद्धि होती है। 25 मार्च को गृहस्थ द्वारा यह व्रत किया गया था। क्योंकि इस बार तिथि की गणना के कारण दो दिन एकादशी का व्रत किया जा रहा है। ऐसे में पहले दिन सामान्य जन एकादशी का व्रत करते हैं, तो वहीं दूसरे दिन यानी की आज वैष्णव जन एकादशी का व्रत कर रहे हैं। 26 मार्च को सन्यासी और मोक्ष की कामना करने वाले साधक ही व्रत रखते हैं।
पापमोचनी एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि इस दिन व्रत और पूजा करने से बुरे कर्मों का अंत होता है। वहीं जो जातक अपने जीवन में सुख-शांति पाना चाहते हैं। उनको एकादशी का व्रत जरूर करना चाहिए। वहीं भगवान श्रीहरि विष्णु की कृपा पाने के लिए जातक को इस दिन भक्ति और दान-पुण्य करना चाहिए।
इन मंत्रों का करें जाप
ऊँ विष्णवे नम:
ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय
ऊँ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि तन्नो विष्णु प्रचोदयात।
ऊँ कृष्णाय वासुदेवाय हरये परमात्मने, प्रणत क्लेश नाशाय गोविन्दाय नमो नम:
एकादश्यां समायुक्ते देवदेव जनार्दन। एकभक्तिं प्रदास्यन्ति मुक्तिं में कुरु केशव।।