यूक्रेन ने नायक फिल्म देखकर जेलेंस्की को राष्ट्रपति बना दिया? रियल हीरो या फिर हैं रूस से जंग की वजह

By अभिनय आकाश | Mar 02, 2022

"रूस ने हमले में 16 बच्चे मार दिए, हम भी अपने बच्चों को जिंदा देखना चाहते हैं। हम अपनी जन्म भूमि की रक्षा के लिए लड़ रहे हैं। हम दुनिया को बता देना चाहते हैं कि आखिर हम किस मिट्टी के बने हैं।" सामान्य सी कद काठी, गोल राउंड नेक की मटमैले रंग की टी शर्ट चेहरे पर हर क्षण बदलते हांव भाव के साथ बेचारगी भरी आवाज में ये लाइनें यूरोपीय संसद को संबोधित करते हुए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की की ओर से कही गई। अपने व्यक्तित्व और बोलने कि मासूमियत भरी शैली से किसी को भी वो पहली नज़र में किसी कक्षा के आज्ञाकारी छात्र प्रतीत हो सकते हैं। लेकिन अपने इरादे और हौसले से रूस की सुपर पॉवर सेना से टक्कर लेने वाले जेलेंस्की इन दिनों सबसे बड़े लड़ैया बनकर उभरे हैं। 

आप सभी ने 2001 के सितंबर महीने में आई फ़िल्म नायक जरूर देखी होगी। नहीं देखी तो हम बता देते है इस फिल्म में अनिल कपूर पत्रकार शिवाजी राव गायकवाड़ के रूप मे नजर आए थे, शिवाजी राव को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बलराज चौहान (अमरीश पुरी) के एक इंटरव्यू के दौरान भ्रष्टाचार उजागर करने के बाद एक दिन का सीएम बनने का मौका मिलता है। एक दिन का मुख्यमंत्री बन अनिल कपूर जिस तरीके से अपने सूबे का कायाकल्प करते हैं। भ्रष्टाचार पर कड़े प्रहार करते हुए अपनी कौशल क्षमता का प्रदर्शन करते हैं, जिससे जनता वाह-वाही करने लगती है। कुछ इसी से मिलता जुलती कहानी यूक्रेन से भी जुड़ी है। दरअसल, एक कॉमेडी टीवी सीरियल सर्वेंट ऑफ द पीपल जिसमें एक टीचर किस्मत से राष्ट्रपति बन जाता है। भ्रष्टाचार के खिलाफ बयान देता है। दुश्मनों के खिलाफ हथियार उठाता है। इस सीरियल ने राजनीति से निराश उस देश के लोगों में नई उम्मीदें पैदा कर दी। मतलब पूरा माहौल बदल गया। यूक्रेन की पब्लिक को ये इतना पसंद आया कि अप्रैल 2019 में कॉमेडियन वास्तव में उस देश का राष्ट्रपति बन गया। उसने अपनी पार्टी का नाम भी सर्वेंट ऑफ द पीपल रखा जिस नाम से यह कॉमेडी सीरियल था यही कॉमेडियन हैं राष्ट्रपति जोलेन्सकी। 

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हंसते-हंसाते राष्ट्रपति की कुर्सी पर

टीवी पर हंसी ठिठोली करने वाला एक नौजवान राष्ट्रपति बनेगा यह किसने सोचा था। दुनिया को हंसते हंसाते अपनी एक्टिंग से मुरीद बना लेने वाला नौजवान सत्ता के शीर्ष पर पहुंचेगा यह किसने सोचा था। व्लादीमीर जेलेंस्की यूक्रेन के राष्ट्रपति हैं, लेकिन कितने दिनों तक रहेंगे, तख्तापलट होगा या आगे क्या होगा? यह सब कुछ रूस के ऊपर निर्भर है। रूसी सेना यूक्रेन की राजधानी कीव पर लगातार बमबारी कर रही है, मिसाइलें दाग रही है। इसके साथ ही खेरसान शहर पर भी रूस ने कब्जा जमा लिया है और खारकीव में भी उसके सैनिकों की दस्तक हो गई है। रूस के लगातार तीव्र होते हमलों के बीच जेलेंस्की खुद को और अपने देश को अकेला बता रहे जिसका कारण है दुनिया के किसी देश ने उनका साथ नहीं दिया। 

यूरोपीय देशों का किनारा

जो बाइडेन ने एक बार फिर साफ कर दिया कि उनकी तरफ से रूस के खिलाफ हर तरह के प्रतिबंध जरूर लगाए जाएंगे, लेकिन वे खुद इस युद्ध में हिस्सा नहीं लेने वाले हैं। अमेरिकी सैनिक रूस के खिलाफ युद्ध नहीं लड़ेंगे। वहीं नाटों देशों की ओर से भी रूस के खिलाफ किसी भी किस्म के सैन्य कार्रवाई के कोई संकेत अभी तक नहीं मिले हैं और भविष्य में भी इसकी संभावान न के बराबर ही है। लेकिन अमेरिका ने यूक्रेन को 350 डॉलर की अतिरिक्त मदद देने का ऐलान किया है ताकि वह हथियारों की खरीद कर सके। यूरोपियन यूनियन के नेताओं ने कीव को 450 मिलियन यूरो की मदद देने की मंजूरी दी है। यह रकम यूक्रेन को हथियारों की खरीद और डिलिवरी के लिए दी जानी है। कनाडा की ओर से यूक्रेन को खतरनाक सैन्य हथियार भेजे जा रहे हैं। जर्मनी की ओर से 1,000 ऐंटी टैंक हथियार, 500 मिसाइल और 9 होवित्जर तोपों को भेजने का ऐलान किया गया है। स्वीडन ने भी 5,000 ऐंटी टैंक रॉकेट्स को यूक्रेन भेजने का ऐलान किया है। 

पुतिन को बिल्कुल भी पसंद नहीं

44 साल के जेलेंस्की को पहले के राष्ट्रपतियों की तरह राजनीति का कोई अनुभव नहीं था। उनके कार्यकाल की शुरुआत में ही रूस और यूक्रेन के बीच तनाव लगातार बना रहा। उन्हीं के कार्यकाल में यूक्रेन के संविधान में संशोधन कर उसके नाटो और यूरोपीय संघ के सदस्य बनाने की नीतियों का ऐलान किया गया था। यही कारण है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन यूक्रेन के राष्ट्रपति को बिल्कुल भी पसंद नहीं करते हैं। अप्रैल में पूर्व कॉमेडियन वोलोडिमिर जेलेंस्की ने पेट्रो पोरोशेंको को चुनाव में हराकर राष्ट्रपति की कुर्सी संभाली। उन्होंने कहा कि वो पूर्वी यूक्रेन के साथ चल रहे युद्ध को समाप्त कर भ्रष्टाचार को समाप्त करेंगे। जेलेंस्की  का झुकाव अमेरिका की तरफ ज्यादा रहा। उन्होंने जो बाइडेन से नाटो में शामिल होने के लिए सहायता भी मांगी। जबकि जेलेंस्की सरकार ने विपक्षी नेता विक्टर मेडवेडचुक पर प्रतिबंध लगाए। इससे रूस नाराज हो गया क्योंकि मेडवेडचुक के संबंध क्रेमलिन से बहुत ही मधुर रहे थे।

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ईयू में भावुक भाषण

बीते दिनों जब राजधानी कीव पर  बम बरस रहे थे ठीक उसी वक्त यूरोपीय यूनियन की संसद में यूक्रेन के राष्ट्रपति का संबोधन हो रहा था। वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के माध्यम से यूक्रेनी भाषा में बोल रहे थे और उनके भाषण का लाइव ट्रांसलेशन हो रहा था। जब उन्होंने बच्चों को बचाने की बात कही तो अनुवादक का गला भी रूंध गया। रोने की आवाज सुनाई देने लगी इससे कुछ देर भाषण रुका रहा। भाषण के बाद ईयू प्रेसिडेंट उर्सला वान डेर लिन के साथ बाकी नेताओं ने खड़े होकर तालियां बजाईं। जेलेंस्की ने कहा कि हम अपनी जन्मभूमि की हिफाजत के लिए युद्ध लड़ रहे हैं। हमें भी आजादी प्यारी है। हालांकि हमारी एकता को कोई तोड़ नहीं सकता है। हम भी अपने बच्चों को जिंदा देखना चाहते हैं। हम दुनिया को बता देना चाहते हैं कि आखिर हम किस मिट्टी के बने हैं। हमें जल्द से जल्द यूरोपीय यूनियन में शामिल किया जाए। जेलेंस्की के भाषण के दौरान पूरे वक्त माहौल बहुत गंभीर रहा। सिर्फ कुछ मौकों पर ही तालियां बजी। 

जेलेंस्की को जानें

जेलेंस्की की का जन्म 25 जनवरी 1978 को सोवियत संघ के कृवि रिह में हुआ। वर्तमान में कृवी शहर यूक्रेन का हिस्सा है। जेलेंस्की के माता-पिता यहूदी थे हालांकि उनके बचपन में ही उनका परिवार मंगोलिया के एडिनेट में रहने चला गया था। इस कारण  जेलेंस्की की शुरुआती शिक्षा मंगोलिया में हुई। जेलेंस्की की रूसी भाषा में पकड़ अच्छी है। बड़े होने पर वह वापस यूक्रेन पहुंचे और 1995 में नेशनल इकोनॉमिक्स यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया। इसके बावजूद जेलेंस्की ने अपना करियर कॉमेडी के क्षेत्र में बनाया। पढ़ाई के दौरान ही जेलेंस्की थिएटर को लेकर आकर्षित हुए। वे 1997 में पर्फार्मेंस ग्रुप, क्वार्टल 95, केवीएन 9 के फाइनल में नजर आए। साल 2003 में उन्होंने अपनी कॉमेडी टीम क्वार्टल 95 के नाम से एक टीवी प्रोडक्शन कंपनी शुरू की। इस कंपनी ने यूक्रेन के वन प्लस वन नेटवर्क के लिए शो बनाना शुरू किया। तब इस शो को विवादास्पद अरबपति मलिक योहो क्लोमोयेस्को ने फाइनेंस किया। कई जानकार दावा करते हैं कि जेलेंस्की के राष्ट्रपति चुनाव का सारा खर्च भी क्लोमोयेस्को ने ही उठाया था। साल 2014 न सिर्फ जेलेंस्की बल्कि यूक्रेन के लिए भी काफी महत्वपूर्ण था। यूक्रेन की जनता ने विद्रोह कर रूसी समर्थक राष्ट्रपति विक्टर यानाकोविच को हटा दिया। जिसके जवाब में रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण कर क्रीमिया कर लिया। तब से ही रूस ने यूक्रेन के डोनबास क्षेत्र में विद्रोहियों को हथियार और पैसों से मदद करना भी शुरू किया था। अब रील लाइफ में राष्ट्रपति का किरदार निभा चुके जेलेंस्की के रियल लाइफ में राष्ट्रपति बनने का वक्त था। उन्होंने साल 2019 में चुनाव लड़ने का फैसला किया। राष्ट्रपति चुनाव में तत्कालीन राष्ट्रपति पेट्रो पोरोशेंको को चुनौती दी। इस चुनाव में उन्होंने प्रचार के दौरान कई गंभीर मुद्दों पर चर्चा करने से परहेज किया था और सोशल मीडिया पर अपने कॉमेडी पोस्ट के जरिये वोट मांगते नजर आए थे। इस चुनाव में 70 फीसदी से ज्यादा मतों से उनकी जीत हुई। लेकिन अब ये जीत जेलेंस्की के लिए कांटों भरा ताज साबित हो रही है। कला की नकल और वास्तविक में साढ़े चार करोड़ की आबादी वाले देश को संभालने में काफी फर्क है। वैसे राष्ट्रपति बनने के बाद जेलेंस्की ने साल 2014 से देश के पूर्व में जारी गृह युद्ध को समाप्त करने का वादा पूरा करने की कोशिश की। शुरुआत में उन्होंने समझौता करने का प्रयास किया। रूस से वार्ता की और क़ैदियों की अदला-बदली भी की। उन्होंने शांति समझौते की प्रक्रिया को लागू करने के लिए प्रयास भी किए। जिसे मिंस्क समझौते के नाम से भी जाना जाता है। हालांकि, ये कभी भी पूरी तरह से लागू नहीं हो सके। बाद में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने संघर्ष प्रभावित क्षेत्र में अलगाववादियों के नियंत्रण वाले इलाक़े में रह रहे लोगों को रूस का पासपोर्ट देने की घोषणा की। इससे यूक्रेन और रूस के रिश्तों में और भी कड़वाहट आ गई।

-अभिनय आकाश 



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