By एकता | Jul 18, 2022
हिन्दू धर्म को मानने वाले ज्यादातर लोग त्यौहार या फिर किसी विशेष दिन पर व्रत या उपवास रखते हैं। आमतौर पर लोग अपनी किसी मनोकामना को पूरी करने के लिए व्रत रखते हैं। अब व्रत रखने से मनोकामना पूरी होती है या नहीं, ये तो हमें पता नहीं, लेकिन हाँ इससे आपके शरीर और सेहत को कई जबरदस्त फायदे जरूर मिलते हैं। हफ्ते में एक दिन भी अगर आप व्रत रखते हैं तो इससे आपको वजन कम करने में मदद मिलती है और कई गंभीर बीमारियों से आपका बचाव होता है। इसके साथ ही यह आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। चलिए जानते हैं व्रत या इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदों के बारे में और ये कैसे आपके मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है।
क्या है इंटरमिटेंट फास्टिंग?
इंटरमिटेंट फास्टिंग खाना खाने का एक पैर्टन है, जिसमें व्यक्ति 12 से 16 घंटे तक कुछ भी नहीं खाता है सिर्फ पानी पीता है। जब आप लंबे समय तक कुछ खाते नहीं हैं तो आपका शरीर ऊर्जा के लिए फैट का इस्तेमाल करता है, जिसकी वजह से वजन कम होने लगता है। इसके अलावा इंटरमिटेंट फास्टिंग से हमारा शरीर स्वस्थ और फिट रहता है और इसका सकारात्मक असर हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है। यह हमें तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के फायदे
- इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान जब हम भूखे रहते हैं तो हमारे पाचन तंत्र और पेट के अंदरूनी हिस्सों को आराम मिलता है। इसकी वजह से हमें पेट और पेट से जुड़ी कई समस्याओं से राहत मिलती है और साथ ही हमारा पाचन तंत्र मजबूत होता है।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान हम सिर्फ पानी पीते हैं और इसकी वजह से हमारे शरीर में जमा हानिकारक पदार्थ धीरे-धीरे बाहर निकल जाते हैं और हमारी बॉडी डिटॉक्स हो जाती है।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान जब बॉडी डिटॉक्स हो जाती है तब हमारी स्किन ग्लो करने लगती है और बालों घने होने लगते हैं।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के नुकसान
- इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान लोग 12 से 16 घंटे तक भूखे रहते हैं, जिसकी वजह से शरीर में कमजोरी आ सकती है। इसलिए लोगों को भारी काम करने से बचना चाहिए।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग के दौरान भूखा रहने की वजह से लोग चिड़चिड़ापन महसूस कर सकते हैं।
- इंटरमिटेंट फास्टिंग खत्म होने के बाद लोग बहुत सारा खाना खा लेते हैं, जिसकी वजह से उनका वजन तेजी से बढ़ सकता है।