By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Feb 10, 2017
वित्त मंत्रालय ने आज संसदीय समिति के समक्ष दावा किया कि नोटबंदी के बाद से जाली मुद्रा की तस्करी पूरी तरह रुक गई है और कर विभाग ने 10 जनवरी तक 515 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। इसमें 114 करोड़ रुपये की नई करेंसी है। सूत्रों के अनुसार लोक लेखा समिति के सवालों के जवाब में वित्त मंत्रालय ने बताया कि उसने 9 नवंबर से 28 दिसंबर, 2016 तक छापेमारी और जब्ती की कार्रवाई में 4,172 करोड़ रुपये की बेहिसाबी आय का पता लगाया है।
वित्त मंत्रालय ने कहा कि 500 और 1,000 के नोटों को बंद करने का मकसद आतंकवाद का वित्तपोषण रोकना था। खुफिया रपटों में कहा गया है कि नोटबंदी के बाद जाली नोटों की तस्करी पूरी तरह रक गई है। मंत्रालय ने कहा कि नोटबंदी का उद्देश्य कई तरह की नुकसानदेह गतिविधियों मसलन जासूसी, हथियारों की तस्करी तथा अन्य जाली चीजों की तस्करी रोकना है। इसके अलावा इसका मकसद कालेधन पर अंकुश लगाना भी है।
कांग्रेस नेता केवी थॉमस की अगुवाई वाली लोक लेखा समिति वित्त मंत्रालय के महत्वपूर्ण सचिवों- राजस्व सचिव हसमुख अधिया और आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकान्त दास आदि को बुलाया था। इसमें उनसे मौद्रिक नीति और नोटबंदी के प्रभाव के बारे में पूछा गया। बैठक के दौरान थॉमस ने मंत्रालय के अधिकारियों से पूछा कि नोटबंदी के बाद कितनी पुरानी करेंसी बैंकिंग प्रणाली में लौटी है। समझा जाता है कि अधिकारियों ने पीएसी को सूचित किया कि रिजर्व बैंक नोटों को गिनने की प्रक्रिया में है और वह जल्द इस बारे में आंकड़े लेकर आएगा। आयकर विभाग ने 9 नवंबर से 10 जनवरी के दौरान 515.29 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है। इसमें से 114.33 करोड़ रुपये नई करेंसी में हैं और शेष 400 करोड़ रुपये पुरानी करेंसी में।