'ईमानदारी से टैक्स देना चाहते हैं व्यापारी', GST को लेकर अरविंद केजरीवाल ने भाजपा पर साधा निशाना

By अनुराग गुप्ता | Jul 26, 2022

अहमदाबाद। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को राजकोट में व्यापारियों को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा के नेताओं ने व्यापारियों के साथ खूब बैठक की होंगी लेकिन उन बैठकों के अंदर एक तरफा भाषण होता है और सुनवाई नहीं होती।

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केजरीवाल ने कहा कि मुझे बताया गया था कि गुजरात में व्यापारियों को इतना डराकर रखा गया है कि अगर आप कोई टाउनहॉल करेंगे तो कोई आने की हिम्मत नहीं करेगा। एक बार सूरत की एक एसोसिएशन ने मुझे बुलाया, सबकुछ बुक हो गया लेकिन जब मुझे जाना था उसके एक दिन पहले मेरे पास मैसेज आया कि हमारे हॉल की बुकिंग कैसिंल करा दी गई है। हमें धमकी दी जा रही है। लेकिन आज इतनी भारी संख्या में आप लोग आए। ऐसे में मैं आपका तहे दिल से शुक्रियाअदा करना चाहता हूं। आज मैं यहां पर आप लोगों की बात सुनने आया हूं।

उन्होंने कहा कि जिन लोगों को बोलने का मौका नहीं मिला और वो बोलना चाहते हैं तो आप लिखकर भी दें तो मैं एक-एक मैसेज पढ़ूंगा चाहे आप गुजराती में भी लिखकर देंगे तब भी मैं पढ़ूंगा। इसी बीच उन्होंने कहा कि गुजरात में भाजपा को 27 साल हो गए हैं। मैं समझता हूं कि उनके नेताओं ने व्यापारियों के साथ बहुत सारी बैठक की होंगी। लेकिन उन बैठकों के अंदर एक तरफा भाषण होता है और वहां पर सुनवाई नहीं होती।

केजरीवाल ने कहा कि टीवी वाले यहां पर आए हुए हैं। ऐसे में आज आपकी बात मुख्यमंत्री साहब और पाटिल साहब सुन रहे होंगे। मैं समझता हूं कि जिन-जिन लोगों ने अपनी बात रखी, हो सकता है कि आपकी 2-4 बातों पर अमल हो ही जाए।

ईमानदारी से टैक्स देना चाहते हैं व्यापारी

इसी बीच केजरीवाल ने कहा कि जीएसटी को उलझा हुआ बनाया गया है। ऐसे में उन्होंने दिल्ली का उदाहरण देते हुए कहा कि देश के भीतर एक ऐसा माहौल बना दिया गया है कि व्यापारी चोर है। व्यापारी/उद्योगपति ईमानदारी से टैक्स देना चाहते हैं। 99 फीसदी टैक्स देना चाहते हैं। लेकिन उन्हें देने का मौका नहीं दिया जाता, ऐसा जटिल बना दिया जाता है कि ले-देकर सबकुछ का निपटारा करना पड़ता है।

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उन्होंने कहा कि साल 2015 में दिल्ली में जब हमारी सरकार बनी तो उस समय दिल्ली का कुल राजस्व 30,000 करोड़ था और 7 साल बात आज 75,000 करोड़ है। यह टैक्स आप लोगों ने ही दिए थे। हमने छापेमारी करना बंद कर दिया। जीएसटी के जितने भी इंस्पेक्टर हैं उनको हमने बोल दिया कि आराम से कमरे में बैठो। व्यापारियों पर भरोसा करना सीखो।

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