तिब्बत से जुड़े घटनाक्रम को लेकर आज राज्यसभा में चिंता जताए जाने के बीच विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि भारत इस संबंध में मूकदर्शक नहीं बना हुआ है और सरकार देश के हितों को नुकसान पहुंचाने वाले विषयों को तुरंत उठाते हुए विरोध दर्ज कराती है। उन्होंने कहा कि मतभेद वाली बातों को हम तुरंत बताते हैं। उन्होंने कहा कि देश का अहित करने वाले विषयों पर हम तुरंत विरोध दर्ज कराते हैं।
सुषमा ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान पूरक सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। सदस्यों ने तिब्बती घटनाक्रम के साथ ही चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के लोगों को नत्थी वीजा दिए जाने का मुद्दा उठाया था। इस पर सुषमा ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और भारत ने हर द्विपक्षीय बैठक में इस मुद्दे को उठाया है, चाहे वह बैठक प्रधानमंत्री स्तर की हो या विदेश मंत्री स्तर की। दलाई लामा के बारे में पूछे गए एक सवाल पर सुषमा ने कहा कि सरकार ने उन्हें तवांग जाने की अनुमति दी थी और वह पांच छह बार वहां जा चुके हैं।
भारतीय पत्रकारों को चीन द्वारा वीजा नहीं दिए जाने के एक सवाल पर विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर ने कहा कि सरकार को आधिकारिक रूप से इसकी कोई जानकारी नहीं है और यह पत्रकार तथा मेजबान देश का मामला है। मंत्री ने कहा कि सरकार के पास ऐसी किसी यात्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं है क्योंकि मेजबान एजेंसी या पत्रकारों ने सहायता के लिए सरकार से संपर्क नहीं किया था।