लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से लगे जिला बाराबंकी में साम्प्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करने का एक मामला सामने आया है। यहां मंदिर के बाहर शराब पीने और मांस पकाकर खाने का विरोध करने पर साध्वी ने गैर संप्रदाय के लोगों पर घर में घुसकर जानलेवा हमला और अभद्रता करने का आरोप लगाया है। पीड़िता की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर तीन आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि, पुलिस की प्रारंभिक जांच में केवल हमले के आरोप की पुष्टि हुई है।
दरअसल, देवा कोतवाली अंतर्गत मुख्य कस्बा में देवा-कुर्सी मार्ग पर वर्मा मार्केट के पीछे एक शिव जी का मंदिर स्थित है, जिसकी साध्वी ज्योति सिंह पुत्री बलवीर सिंह हैं, इनका आरोप है कि देवा मेले के दौरान कस्बा निवासी मुजीब पुत्र गुलाम दस्तगीर, पिल्लू पुत्र निसार, जुनैद व कुछ अन्य लोग साध्वी के आवास व मंदिर के सामने मीट बना रहे थे और शराब पी रहे थे। साध्वी ने मना किया तो आरोपित विवाद करने लगे। पीड़िता ने डायल 112 पर शिकायत कर पुलिस को बुला लिया, इसी रंजिश में 11 नवंबर की शाम आरोपितों ने विवाद की नियत से मंदिर के सामने शराब पी व मीट खाकर मंदिर के सामने हड्डियां फेंक दी।पीड़िता ने विरोध किया तो आरोपितों ने अभद्रता करते हुए धारदार हथियार से जानलेवा हमला कर दिया। मामले में पीड़िता की तहरीर पर पुलिस ने हत्या की कोशिश और अभद्रता का मुकदमा दर्ज कर नामजद तीनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है।दबंगों की करतूत के बाद भुक्तभोगी ने वीडियो बनाकर पूरी घटना बताते हुए न्याय की गुहार लगाई है।
पीड़िता ने मुख्यमंत्री से साधु-संतों की सुरक्षा की मांग की है। प्रभारी एसपी चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि मामले की प्रारंभिक जांच में मंदिर के बाहर शराब पीना व मांस पकाने खाने के बाद हड्डी फेंकने व घर में घुसकर मारने की बात गलत पाई गई। महिला का कस्बा के ही फैय्याज से परिचय है और फैय्याज की विपक्षी जुनैद से किसी बात को लेकर रंजिश है। फैय्याज महिला के साथ जुनैद के घर गया था, जहां उसकी पत्नी से विवाद के बाद आरोपितों ने ज्योति सिंह पर हमला कर दिया। अन्य सभी आरोप गलत मिले। मामले में मुकदमा लिखकर आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया गया है।