जो उडऩे का शौक रखते हैं उन्हें गिरने का खौफ नहीं होता--- मुख्यमंत्री मनोहर लाल

By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Mar 07, 2022

चंडीगढ़ मुख्यमंत्री  मनोहर लाल ने विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय द्वारा दिए गये अभिभाषण पर हुई चर्चा में उठाए गये हर मुद्दे का आज सटीक जवाब दिया। साथ ही, उन्होंने सदन में हुई खट्टी-मीठी बहस के बावजूद सदन की गरिमा बरकरार रखकर लोकतांत्रिक मूल्यों को जीवित रखने की अपनी अनूठी कला का भी परिचय दिया।

 

सत्र में चर्चा के दौरान 4 मार्च को सदन में जब हरियाणा विधिविरूद्ध धर्म परिवर्तन निवारण विधेयक, 2022 प्रस्तुत किया गया तो उस समय अजीबो-गरीब स्थिति पैदा हो गई, जब विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष एवं विधायक डा. रघुबीर सिंह कादियान ने उत्तेजित होकर बिल की एक कॉफी फाड़ दी। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञान चन्द गुप्ता द्वारा इस पर कड़ा संज्ञान लिया गया और इसे सदन में रखे गये लीगल डॉक्यूमेंट का अपमान बताकर सदन की सहमति से डा. रघुबीर कादियान को सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित कर दिया। लेकिन आज नेता प्रतिपक्ष श्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डा द्वारा बार-बार डा. रघुबीर सिंह कादियान के निलम्बन को रद्द करने के अनुरोध पर सदन के नेता ने दरियादिली दिखाते हुए डा.रघुबीर सिंह कादियान को निलम्बित करने के निर्णय को निरस्त करवाकर सदन की गरिमा बनाए रखने और लोकतांत्रिक मूल्यों को जीवित रखने का परिचय भी दिया। 

 

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मुख्यमंत्री ने अपने जवाब में चर्चा के दौरान विपक्ष द्वारा उठाए गये मुद्दों का एक-एक करके जवाब दिया। राम कुमार गौतम द्वारा मनरेगा में काम न देने के मामले में हरियाणा चौथे नम्बर पर है, पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा के तहत काम मांगने वाले हर व्यक्ति को काम दिया गया है। वर्ष 2021-22 में फरवरी 2022 तक 6,75,487 व्यक्तियों ने आवेदन किया तथा 6,74,947व्यक्तियों को रोजगार की पेशकश की गई, जिसमें से 5,41,000 व्यक्तियों ने मनरेगा में कार्य किया।

 

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मुख्यमंत्री ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान विपक्ष के सदस्यों द्वारा की आलोचनाओं का स्वागत करते हुए कहा कि वे आलोचनाओं के पक्षधर भी हैं, बशर्ते कि वे सही हों। उन्होंने कुछ आलोचनाओं पर खेद व्यक्त किया और कहा कि जो उडऩे का शौक रखते हैं उन्हें गिरने का खौफ नहीं होता। उन्होंने कहा कि कुछ लोग रोड़े अटकाते रहते हैं, परंतु वे लोक कल्याण और लोकहित की बात करते रहेंगे। उन्होंने कहा कि अकड़ सही है, परंतु ठीक काम के लिए होनी चाहिए।

 

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वे कल बजट पेश करेंगे। इससे पहले उन्होंने आठ प्री-बजट बैठकें की और 550 व्यक्तियों से लिखित सुझाव भी आए हैं। इन सुझावों पर उन्होंने स्टडी की है और अच्छे सुझावों को बजट में शामिल किया है।

नेता प्रतिपक्ष द्वारा राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र योजना बोर्ड के उठाए गये मुद्दे का सीधा जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि एनसीआर बोर्ड का गठन 1985 में किया गया था, उस समय हरियाणा के 8 जिले थे और 2013 में भिवानी, महेन्द्रगढ़, करनाल, जींद, पानीपत को शामिल किया गया। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड राज्यों को 7 से 8 प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाता है। हरियाणा की आर्थिक स्थिति सही है और अन्य एजेंसियों से 6.9 प्रतिशत की दर से ऋण मिल रहा है। गुरुग्राम की विकास परियोजनाओं की तुलना भिवानी, महेन्द्रगढ़ जिलों की परियोजनाओं से नहीं की जा सकती है।  

 

वामपंथी दल उकसा रहे हैं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को

 

इसी प्रकार, आंगनबाड़ी वर्कर्स के मुद्दे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वामपंथी दलों से जुड़े कुछ राजनीति लोग ही इन वर्करों को धरने पर बैठने के लिए उकसा रहे हैं। विभिन्न यूनियनों से बातचीत हुई थी और उनकी मांगें मान ली गई थी और 65 प्रतिशत वर्कर्स ड्यूटी पर हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि आंगनवाड़ी वर्कर्स व हैल्पर्स को तेलंगाना को छोडक़र अन्य प्रदेशों की तुलना में हरियाणा सर्वाधिक मानदेय दे रहा है। उन्होंने कहा कि मोबाइल एप पर अब बच्चों का डाटा अपलोड करने के केन्द्र सरकार ने दिशानिर्देश जारी किए हैं। इसके लिए आंगनवाड़ी वर्कर्स को प्रशिक्षण दिया जाएगा और एकमुश्त 1000 रुपये दिये जाएगा। इसी प्रकार, सेवानिवृत पर आंगनवाड़ी वर्कर को एक लाख रुपये तथा हैल्पर को 50,000 रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा, आंगनवाड़ी वर्कर व हैल्पर को राज्य सरकार की ओर से दिए जाने वाले मानदेय के हिस्से में हर वर्ष मंहगाई दर भी जोड़ी जाएगी, ऐसा किसी भी राज्य में नहीं किया गया है। मुख्यमंत्री ने विपक्ष को आंगनवाड़ी आंदोलन को उकसाने के लिए कड़ा जवाब जवाब देते हुए कहा कि ‘हवा आई तो किसके इशारे से, चिराग किसके बुझे, किस-किस घर के।’

 

अपने-आप को विधिज्ञाता मानने वाले बी बी बत्तरा द्वारा परिवार पहचान पत्र पर उठाए गये मुद्दे पर सीधा जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि वे पीपीपी में एचआरईएक्स पोर्टल पर उपलब्ध डाटा में 8.87 लाख लोगों ने स्वयं को बेरोजगार बताया है। उन्होंने कहा कि हर साल 4-4.5 लाख शिक्षित युवा निकलते हैं, जिनमें से आधे से ज्यादा स्वरोजगार में लग जाते हैं, जबकि दो लाख रोजगार की तलाश में रहते हैं और यह डाटा हर वर्ष बढ़ जाता हैै।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायती राज संस्थानों में पढ़े लिखे सदस्य आगे आएं, इसलिए पिछले वर्ष सर्वोच्च न्यायालय तक लड़ाई लड़ी गई और न्यायालय ने इसे सही माना और अन्य राज्यों को इसका अनुसरण करने को भी कहा। पीआरआई में महिलाओं के 33 प्रतिशत आरक्षण की बजाए 50 प्रतिशत तक भागीदारिता बढ़ाने का निर्णय सरकार ने लिया, जिसे भी न्यायालय में ले जाया गया है और उन्हें आशा है कि न्यायालय पढ़ी-लिखी पंचायतों पर लिए गये निर्णय की तर्ज पर हरियाणा के इस फैसले को भी सही ठहराएगा।

 

उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि हवाओं को कह दो कि अब तक बहुत चिराग बुझाए, अब कुछ चिराग जलाकर भी देख लो मुख्यमंत्री ने यूक्रेन में हरियाणा के फंसे विद्यार्थियों के मामले सहित राज्य सरकार द्वारा ग्रुप सी व डी पदों के लिए कॉमन पात्रता परीक्षा व अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों के बारे भी जानकारी दी। अंत में सभी सदस्यों से अनुरोध किया कि महामहिम राज्यपाल के अभिभाषण को सर्वसम्मति से पारित किया जाए और विधानसभा सचिवालय की ओर से इस अनुशंसा का एक प्रस्ताव राज्यपाल महोदय को भेजा जाए।

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