By रेनू तिवारी | Oct 21, 2022
नयी दिल्ली। सर्दियों के आते ही दिल्ली वालों का दम घुटने लगता हैं। पंजाब हारियाण में जलाई गयी पराली दिल्ली में प्रदूषणों के कारणों में से एक मुख्य कारण बनती हैं। सरकार ने दिल्ली में प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए कई तरह के प्रतिबंद लगाएं हैं। दिवाली पर अगर किसी को पटाखें जलाते पाया गया तो उसपर एक्शन लिया जाएगा। वहीं कोयला प्रयोग करके चलाई जा रही फेक्टरी पर भी कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगाया गया हैं।
सर्दियां आहट और त्योहारी सीजन के साथ ही दिल्ली में हवा की गुणवत्ता बिगड़नी शुरू हो गई है। राष्ट्रीय राजधानी में पिछले कुछ दिनों से खराब वायु गुणवत्ता देखी जा रही है और इसके और भी खराब होने की आशंका है। विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) ने कहा कि इस साल दिवाली ऐसे वक्त में मनायी जा रही है जब पहले की अपेक्षा ज्यादा ठंड नहीं है लेकिन दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से वायु प्रदूषण की समस्या बढ़ सकती है। दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु गुणवत्ता प्रतिकूल मौसम विज्ञान संबंधी कारकों जैसे कम तापमान और हवा की गति के कारण अक्टूबर में बिगड़नी शुरू हुई थी जिससे प्रदूषकों का छितराव नहीं हुआ।
पटाखों से होने वाला उत्सर्जन तथा पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से वायु गुणवत्ता और बदतर होगी। सीएसई ने कहा कि इस साल दिवाली पहले ही आ रही है, ‘‘जिसका मतलब है कि गर्म मौसम और हवा की स्थितियां प्रदूषण को कम करने में मदद करेगी जो दिवाली की रात के समारोहों का हिस्सा बन गया है। पिछले दो साल के मुकाबले इस बार पराली जलाने से निकलने वाले धुएं ने क्षेत्र में अभी तक वायु गुणवत्ता पर असर नहीं डाला है और अक्टूबर की शुरुआत में बारिश ने भी हवा को अभी तक अपेक्षाकृत साफ रखा है।