By Anoop Prajapati | Dec 24, 2024
अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनावों में दक्षिणी दिल्ली संसदीय क्षेत्र की बदरपुर विधानसभा सीट पर पहली बार ऐसा होगा कि यहां भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी चुनावी मैदान में नहीं होंगे। इस सीट के अस्तित्व में आने के बाद से बिधूड़ी और आप के राम सिंह नेताजी के बीच ही मुकाबला रहा है। बदरपुर में हुए कुल सात चुनावों में से रामवीर सिंह बिधूड़ी ने चार और रामसिंह नेताजी ने दो बार जीत का स्वाद चखा है। इस बार बुहुत मुकाबला दिलचस्प होने जा रहा है। आप ने बदरपुर से रामसिंह नेताजी को प्रत्याशी बनाया है। यहां से विधायक रहे बिधूड़ी के दक्षिणी दिल्ली सीट से सांसद बनने के बाद भाजपा को मजबूत प्रत्याशी की दरकार होगी।
साल 2020 में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में दक्षिणी दिल्ली की 10 से नौ सीटों पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी जीते थे। भाजपा के खाते में बदरपुर सीट आई थी। यहां से रामवीर सिंह बिधूड़ी ने आप के रामसिंह नेता जी को हराकर बाजी मारी थी। इस बार परिस्थितियां अलग हो गई हैं। आप ने फिर से रामसिंह नेताजी पर भरोसा जताया है। ऐसे में भाजपा को मजबूत प्रत्याशी को चुनावी मैदान में उतारना होगा।
बिधूड़ी 1993 में जनता दल के टिकट पर जीते थे
1993 में हुए पहले चुनाव में बदरपुर विधानसभा सीट पर रामवीर सिंह बिधूड़ी ने जनता दल के प्रत्याशी के रूप में जीत दर्ज की थी। उस समय दूसरे नंबर पर रामसिंह नेताजी रहे थे। वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। भाजपा के प्रत्याशी लज्जा राम तीसरे नंबर पर रहे थे।
अगले चुनाव में निर्दलीय जीते थे रामसिंह नेताजी
बदरपुर सीट पर 1998 में हुए दूसरे चुनाव में रामसिंह नेताजी ने निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी। उन्हें 45.50 फीसदी वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर रामवीर सिंह बिधूड़ी रहे थे। तब वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़े थे। भाजपा के सूरजभान तीसरे नंबर पर रहे थे।
2013 में पहली बार भाजपा का खाता खुला
इस सीट पर पहले तीन चुनाव में तीसरे नंबर पर रहने वाली भाजपा का खाता पहली बार 2013 में खुला। भाजपा प्रत्याशी रामवीर सिंह बिधूड़ी ने रामसिंह नेताजी को हराया था। बिधूड़ी को 34.23 फीसदी वोट मिले थे। जबकि आम आदमी पार्टी नारायण दत्त शर्मा चौथे नंबर पर रहे थे।