Menopause Stages: मेनोपॉज के होते हैं इतने स्टेज, जानिए लक्षण और कंट्रोल करने के तरीके

By अनन्या मिश्रा | Aug 20, 2024

मेनोपॉज एक ऐसा दौर होता है, जब महिलाओं को पीरियड्स आना पूरी तरह बंद हो जाता है। यह एक ऐसा प्रोसेस होता है, जिससे हर महिला को एक उम्र के बाद गुजरना पड़ता है। अगर आप इसको आसान शब्दों में समझना चाहें, तो यह कह सकते हैं कि जब 12 महीने तक महिला को लगातार पीरियड्स नहीं होते हैं। तो इस अवस्था को मेनोपॉज कहा जाता है। हालांकि इस दौरान महिलाओं को हल्की ब्लीडिंग हो सकती है या फिर कभी-कभी हैवी ब्लीडिंग हो सकती है।


बता दें कि मेनोपॉज के कई स्टेजेस भी होते हैं। ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि मेनोपॉज के कितने स्टेज होते हैं और इनके क्या-क्या लक्षण होते हैं। मेनोपॉज में पीरियड्स पूरी तरह खत्म हो जाता है, हालांकि कई बार किसी मेडिकल कंडीशन के कारण भी ऐसा होता है। आमतौर पर मेनोपॉज के तीन स्टेस होते हैं।

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पेरिमेनोपॉज

पेरिमेनोपॉज को मेनोपॉज ट्रंजिशन के नाम से भी जानते हैं। वहीं 8 से 10 साल पहले भी यह चरण शुरू हो सकता है। इस दौरान महिलाओं की बॉडी में एस्ट्रोजन का प्रोडक्शन कम होने लगता है और धीरे-धीरे अंडाशय भी कम होने लगते हैं। फिर 40 की उम्र में महिलाओं को इस प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है। इस दौरान महिलाओं में कई तरह के लक्षण जैसे- सिरदर्द, हॉट फ्लैशेज, मूड स्विंग, वजाइनल ड्राईनेस और सोने में दिक्कत होना आदि शामिल है।


मेनोपॉज

एक स्टेज यह भी होता है। इसमें पीरियड्स पूरी तरह से बंद हो जाते हैं। मेनोपॉज स्टेज का मतलब होता है कि अब ओवरीज एग रिलीज नहीं करते हैं और शरीर एस्ट्रोजन का उत्पादन भी बंद कर चुका है। हेल्थ एक्सपर्ट की मानें, तो जब लगातार 12 महीनों तक पीरियड्स नहीं होते हैं, तो इसको मेनोपॉज स्टेज माना जाता है। इसमें भी पेरिमेनोपॉज जैसे ही लक्षण नजर आते हैं। इनके लक्षणों में रात को अधिक पसीन आ सकता है या फिर अधिक ठंड लग सकती है, मूड स्विंग और नींद से जुड़ी परेशानियां हो सकती है।


पोस्टमेनोपॉज

मेनोपॉज के बाद के फेज को पोस्टमेनोपॉज कहा जाता है। क्योंकि मेनोपॉज होने के बाद पूरा जीवन महिलाएं पोस्टमेनोपॉज फेज में रहती हैं। मेनोपॉज के बाद महिलाओं में एस्ट्रोजन का लेवल कम हो जाता है। ऐसे में कई बार महिलाओं को पोस्टमेनोपॉज के बाद कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं। जिनमें ऑस्टियोपोरोसिस और हार्ट डिजीज आदि शामिल है।


लक्षणों को ऐसे करें कंट्रोल

सबसे पहले अपने वजन को कंट्रोल करें। वजन कंट्रोल करने से गर्मी कम लगेगी और इससे हॉट फ्लैशेज की समस्या भी कम होगी।


अपने तनाव को हमेशा मैनेज करें। क्योंकि मेनोपॉज का सीधा असर आपकी मेंटल हेल्थ पर पड़ता है। ऐसे में आप स्ट्रेस को कंट्रोल करने के लिए मेडिटेशन और योगा का सहारा ले सकते हैं।


आप सपोर्ट ग्रुप भी ज्वॉइन कर सकते हैं। सपोर्ट ग्रुप में आपको अपने जैसे लोग मिलेंगे, इन लोगों के साथ आप अपनी प्रॉब्लम शेयर कर सकते हैं।

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