By अनुराग गुप्ता | Feb 22, 2021
नयी दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रक्षा मंत्रालय के एक बेविनार को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि बजट के बाद भारत सरकार अलग-अलग क्षेत्र के लोगों के साथ चर्चा करके बजट को कैसे-कैसे इंप्लीमेंट किया जाए और बजट के लिए साथ मिलकर कैसे रोडमैप तैयार हो, इस पर चर्चा हो रही है। आज रक्षा मंत्रालय के वेबीनार में भाग ले रहे सभी पार्टनर्स, स्टैक होल्डर्स के साथ चर्चा का मौका मिला है।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत रक्षा क्षेत्र में कैसे आत्मनिर्भर बने। इस संदर्भ में आज का संवाद काफी अहम है। बजट के बाद रक्षा क्षेत्र में क्या नई संभावना बनी है ? हमारी आगे की क्या दिशा हो ? इस बारे में जानकारी और मंथन दोनों जरूरी है। जहां हमारे वीर जवान ट्रेनिंग लेते हैं वहां हम कुछ ऐसा लिखा हुआ देखते हैं कि शांतिकाल में बसाया पसीना, युद्ध काल में रक्त बहने से बचाता है। यानी, शांति की प्री-कंडिशन है वीरता। वीरता की प्री-कंडीशन है सामर्थ्य। सामर्थ्य की प्री-कंडीशन है पहले से की गई तैयारी और बाकी सब उसके बाद आता है।
उन्होंने कहा कि सहनशीलता, क्षमा, दया तभी पूजता जग है, बल का दर्प चमकता उसके पीछे , जब जगमग है। हथियार और मिलिट्री इक्यूपमेंट बनाने का भारत के पास सदियों पुराना अनुभव है। आजादी के पहले हमारे यहां सैकड़ों फैक्ट्रियां हुआ करती थी। दोनों विश्व युद्ध में भारत से बड़े पैमाने पर हथियार बनाकर भेजे गए थे। लेकिन आजादी के बाद इस व्यवस्था को जितना मजबूत किया जाना चाहिए था, उतना नहीं किया गया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत रक्षा के क्षेत्र में दुनिया के सबसे बड़े आयातकों में से एक है। कोविड की शुरुआत में भारत एक भी वेंटिलेटर का उत्पादन नहीं कर रहा था, लेकिन आज हम बहुत सारे वेंटिलेटर का उत्पादन करते हैं। इस प्रकार हमारे पास अपने उत्पाद बनाने के लिए पर्याप्त प्रतिभा है।
फाइलों में बंद होने वाला था तेजस !
पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था जब हमारे अपने लड़ाकू विमान तेजस को फाइलों में बंद करने नौबत आ गई थी लेकिन हमारी सरकार ने अपने इंजीनियरों, वैज्ञानिकों और तेजस की क्षमताओं पर भरोसा किया और तेजस आज शान से आसमान में उड़ान भर रहा है। कुछ सप्ताह पहले ही तेजस के लिए ही 48 हजार करोड़ रुपए का आर्डर दिया गया है। कितने एमएसएमई सेक्टर इसके साथ जुड़ेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारे जवानों को बुलेटप्रूफ जैकेट के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता था लेकिन आज हम न सिर्फ अपने जवानों के लिए बना रहे हैं बल्कि दूसरे देशों को भी सप्लाई करने के लिए भी अपनी कैपेसिटी को बढ़ा रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि आपने देखा होगा कि साल 2014 से हमारा प्रयास रहा है कि रक्षा क्षेत्र में पारदर्शिता, पूर्वानुमेयता और इज ऑफ डूइंग बिजनेस देने की कोशिश की है। हम इस क्षेत्र के लिए डी-लाइसेंसिंग, डी-विनियमन, पदोन्नत निर्यात और विदेशी निवेश उदारीकरण जैसे मजबूत सुधार भी लाए हैं।
उन्होंने कहा कि भारत ने डिफेंस से जुड़े ऐसे 100 महत्वपूर्ण डिफेंस आइटम्स की लिस्ट बनाई है, जिन्हें हम अपनी स्थानीय इंडस्ट्री की मदद से ही मैन्यूफैक्चर कर सकते हैं। इसके लिए टाइमलाइन इसलिए रखी गई है ताकि हमारी इंडस्ट्री इन ज़रूरतों को पूरा करने का सामर्थ्य हासिल करने के लिए प्लान कर सकें।