By अभिनय आकाश | Mar 18, 2023
अरबपति समाजसेवी जॉर्ज सोरोस का मानना है कि गौतम अडाणी के व्यापारिक साम्राज्य में उथल-पुथल सरकार पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पकड़ को कमजोर कर सकती है। म्यूनिख सुरक्षा सम्मेलन में एक संबोधन में सोरोस ने कहा कि मोदी को अडाणी समूह के आरोपों पर विदेशी निवेशकों और संसद के सवालों का जवाब देना होगा। सोरोस ने अपने भाषण में कहा कि अडाणी समूह में उथल-पुथल देश में एक लोकतांत्रिक पुनरुद्धार का द्वार खोल सकती है। उनका लगभग 42 मिनट का भाषण जलवायु परिवर्तन, रूस-यूक्रेन युद्ध, अमेरिका की समस्या, तुर्की आपदा और चीन की विफलताओं पर केंद्रित रहा। उन्होंने दावा किया, मोदी और कारोबार जगत की महत्वपूर्ण हस्ती अडाणी करीबी सहयोगी हैं और उनके हित आपस में जुडे हैं। सोरोस ने कहा, अडाणी समूह पर शेयरों में धोखाधड़ी का आरोप है और उसकी कंपनियों के शेयर ताश के पत्तों की तरह ढह गये। मोदी इस विषय पर चुप हैं, लेकिन उन्हें विदेशी निवेशकों और संसद में सवालों का जवाब देना होगा। उन्होंने, हालांकि अपने दावों के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया। उन्होंने कहा, इससे भारत की केंद्र सरकार पर मोदी का दबदबा काफी कमजोर हो जाएगा और आवश्यक तौर पर संस्थागत सुधारों को आगे बढ़ाने का दरवाजा खुल जाएगा। सोरोस ने कहा, मैं अनाड़ी हो सकता हूं, लेकिन मुझे भारत में एक लोकतांत्रिक पुनरुद्धार की उम्मीद नजर आ रही है।
भारत का जवाब
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जॉर्ज सोरोस मामले में अपनी कड़ी और बड़ी प्रतिक्रिया दी है। जयशंकर ने साफ कहा कि सोरोस ने पिछले दिनों पीएम मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि वे भारत जैसे लोकतांत्रिक देश के नेता हैं। लेकिन खुद लोकतांत्रिक नहीं है। वो मुस्लिमों साथ हिंसा और अन्याय कर तेजी से बड़े नेता बने हैं। उन्होंने कहा सोरोस के पसंद के व्यक्ति जीते तो लोकतंत्र बढ़िया है, वर्ना खराब है। जयशंकर ने कहा कि सोरोस पुराने विचारों वाले व्यक्ति हैं और न्यूयॉर्क में बैठकर वे अभी भी सोचते हैं कि उनके विचारों के अनुसार ही दुनिया चले। उन्होंने कहा कि ऐसे लोग अपने नैरेटिव के लिए अपने संसाधनों का निवेश करते हैं। ऐसे लोग खतरनाक होते हैं। उन्होंने सोरोस को बुजुर्ग, अमीर, मतलबी और कहानियाँ बनाने में माहिर बताया।