By अंकित सिंह | Dec 27, 2024
हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने घोषणा की है कि पार्टी आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी। अगर वे चुनाव के लिए उम्मीदवारों की घोषणा करते हैं तो यह दिल्ली में HAM का पहला चुनाव होगा। विशेष रूप से, जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और तत्कालीन अविभाजित लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) ने पिछला दिल्ली विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ लड़ा था। HAM (S) बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा है। हालांकि, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (सेक्युलर) को दिल्ली में गंठबंधन के भीतर सीट मिलने की संभावना काफी कम है।
पहले माना जा रहा था कि केंद्रीय एमएसएमई मंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी HAM दिल्ली में बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ सकती है। इसके लिए HAM लगातार बीजेपी के संपर्क में थी। हालांकि, बताया जा रहा है कि साथ मिलकर चुनाव लड़ने को लेकर भगवा पार्टी की ओर से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली है। नतीजतन, जीतन राम मांझी ने घोषणा की कि उनकी पार्टी स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेगी।
पार्टी ने कहा है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची जल्द ही घोषित की जाएगी। HAM के सूत्रों ने खुलासा किया कि उन्होंने कई बार बीजेपी नेतृत्व से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बीजेपी की ओर से कोई जवाब नहीं मिला, जिसके कारण अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया गया। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने अरविंद केजरीवाल के लिए दिल्ली में मुश्किलें बढ़ा दी है। पूर्वांचली वोट को लेकर हो रही लड़ाई के बीच जदयू ने साफ कह दिया है कि वह भाजपा के साथ मिलकर दिल्ली में चुनाव लड़ेगी।
केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने कहा कि जदयू आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव एनडीए के साथ गठबंधन में लड़ेगी। उन्होंने आगे कहा कि अरविंद केजरीवाल का पूर्वांचल के लोगों के प्रति प्रेम बढ़ता जा रहा है। असल में वह पाखंडी और अवसरवादी हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने पूर्वाचल और बिहार के लोगों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया। अरविंद केजरीवाल ने रोहिंग्या को पूर्वाचल के लोगों से जोड़ा। उन्होंने करहा कि कोरोना के दौरान अरविंद केजरीवाल ने लाखों लोगों को भेजा नोएडा सीमा पर और बिहार के लोगों के लिए एक भी शिविर नहीं लगाया। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि हम अरविंद केजरीवाल को बेनकाब करेंगे।