दिल्ली हाई कोर्ट ने डीसीडब्ल्यू की पूर्व अध्यक्ष स्वाति मालीवाल की दिसंबर 2022 में उनके खिलाफ आरोप तय करने के खिलाफ याचिका खारिज कर दी। मामला डीसीडब्ल्यू में कर्मचारियों की नियुक्ति में अनियमितताओं से जुड़ा है। स्वाति मालीवाल पर आरोप है कि उन्होंने दिल्ली महिला आयोग की प्रमुख के तौर पर अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग करते हुए महिला अधिकार निकाय में विभिन्न पदों पर आप से जुड़े लोगों की नियुक्ति की थी। न्यायमूर्ति अमित महाजन ने मालीवाल के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश को रद्द करने से इनकार कर दिया।
8 दिसंबर, 2022 को ट्रायल कोर्ट ने मालीवाल और तीन अन्य के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1)(डी) (लोक सेवक द्वारा आपराधिक कदाचार) सहित अन्य प्रावधानों के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। यह मामला भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने डीसीडब्ल्यू की पूर्व अध्यक्ष और भाजपा विधायक बरखा शुक्ला सिंह की शिकायत पर दर्ज किया था। पिछले साल उच्च न्यायालय ने आपराधिक मामले में मालीवाल के खिलाफ निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपियों ने एक-दूसरे के साथ साजिश रचते हुए अपने आधिकारिक पद का दुरुपयोग किया और AAP कार्यकर्ताओं के लिए आर्थिक लाभ प्राप्त किया, जिन्हें उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना विभिन्न DCW पदों पर नियुक्त किया गया था।