By अंकित सिंह | Mar 16, 2023
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नौ दिवसीय चैत्र नवरात्रि और रामनवमी त्योहारों के दौरान समूचे राज्य में मंदिरों में दुर्गा सप्तशती और अखंड रामायण के पाठ सहित विशेष धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने को कहा है। इसके लिए सभी जिलों को एक-एक लाख रुपये मुहैया कराएगी। इसको लेकर राजनीति भी हो रही है। इन सब के बीच सरकार के इस कदम की समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने आलोचना की है। इसके साथ ही उन्होंने एक विवादास्पद ट्वीट भी किया है और कहा है कि सरकार का यह कदम 97% हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने वाला है।
अपने ट्वीट में समाजवादी पार्टी के नेता ने लिखा कि ढोल, गवार, शुद्र, पशु, नारी। सकल ताड़ना के अधिकारी।। उसी सुंदरकांड का हिस्सा, जिसका सरकार ने पाठ कराने का निर्णय लिया है यानी सरकार का यह निर्णय महिलाओं व शूद्र समाज को प्रताड़ित व अपमानित करने वाले 3% लोगों का बढ़ावा देने एवं 97% हिंदू समाज के भावनाओं को आहत करने वाला है। हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिन्दू आस्था को लेकर कोई विवादित ट्वीट किया है। इससे पहले वह रामचरितमानस पर सवाल उठा चुके है और विवादित बयान भी दिया था।
वहीं, योगी सरकार के इस फैसले पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर तंज कसा था। उन्होंने अपने ट्वीट के जरिए तंज भरे लहजे में कहा कि एक लाख क्यों, 10 करोड़ देना चाहिए। अपने ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा कि रामनवमी मनाने के लिए उप्र के ज़िलाधिकारियों को 1 लाख रुपये दिये जाने के प्रस्ताव का स्वागत है पर इतनी कम रक़म से होगा क्या, कम से कम 10 करोड़ देने चाहिए जिससे सभी धर्मों के त्योहारों को मनाया जा सके। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार त्योहारों पर फ़्री सिलेंडर दे और इसकी शुरूआत इसी रामनवमी से हो। दूसरी ओर राज्य के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने इस कदम का स्वागत किया है।