शीर्ष अदालत ने जांच ब्यूरो के निदेशक से कहा कि वह जांच की प्रगति की निगरानी करें। न्यायालय ने इसके साथ ही इस मामले की सुनवाई 12 मार्च के लिये स्थगित कर दी। न्यायालय ने इससे पहले कहा था कि ऐसा लगता है कि मणिपुर में कथित फर्जी मुठभेड़ों से संबंधित मामलों की जांच को विशेष जांच दल गंभीरता से नहीं ले रहा है। न्यायालय ने पिछले साल 12 जुलाई को इन मामलों की जांच के लिये विशेष जांच दल गठित किया था। इसमें सीबीआई के पांच अधिकारियों को शामिल किया गया था। न्यायालय ने मणिपुर मे न्यायेतर हत्याओं के मामलों में प्राथमिकी दर्ज करने और इनकी जांच का आदेश दिया था।
न्यायालय ने इस राज्य में 1528 न्यायेतर हत्याओं की जांच के लिये दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान पिछले साल जुलाई में 81 प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया था। इन मामलों में, 32 मामले जांच आयोग, 32 मामले न्यायिक आयोग और उच्च न्यायालयों की जांच, 11 मामलों में मानवाधिकार आयोग मुआवजा दे चुका है और छह मामलों में शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति संतोष हेगडे की अध्यक्षता वाले आयोग ने जांच की थी, शामिल हैं।