By अनन्या मिश्रा | Oct 05, 2024
दुनिया को आईफोन देने वाले एप्पल कंपनी के को-फाउंडर का 05 अक्तूबर को निधन हो गया था। भले ही स्टीव जॉब्स हमारे साथ नहीं है, लेकिन उन्होंने इनोवेशन सोच ने टेक्नोलॉजी में एक नया रूप दिया है। स्टीव जॉब्स ने अपने इनोवेशन के दम पर करोड़ों दिलों में दशकों तक जिंदा रहेंगे। बता दें कि कैलिफोर्निया के सेन फ्रांसिस्को में 24 फरवरी 1955 को हुआ था। वहीं 05 अक्तूबर 2011 को कैंसर के कारण स्टीव जॉब्स का निधन हो गया था।
जन्म और परिवार
सैन फ्रांसिस्को के कैलिफोर्निया में 24 फरवरी 1955 को जन्म हुआ था। स्टीव जॉब्स के पिता सीरियाई मुस्लिम थे। लेकिन उनको अमेरिकी दंपति पाल और क्लारा जॉब्स ने गोद लिया था। स्टीव जॉब्स को शुरूआत से ही इंजीनियरिंग और कंप्यूटर से काफी लगाव था। स्टीव जॉब्स ने पोर्टलैंड के रीड कॉलेज में एडमिशन लिया। लेकिन उन्होंने पहले सेमेस्टर में कॉलेज छोड़ दिया। जिसके बाद वह वीडियो गेम कंपनी में काम करने लगे।
हालांकि बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि एप्पल कंपनी शुरू करने से पहले स्टीव जॉब्स भारत आए थे। वह अपनी पहली नौकरी से पैसे बचाकर भारत की यात्रा पर आए और उन्होंने यहां पर बुद्धिज्म का अनुभव किया। इसके बाद वह वापस साल 1947 में अपने स्कूल दोस्त के साथ स्टीफन वोज्नियाक के साथ मिलकर कंप्यूटर बनाना शुरूकर दिया। फिर उन्होंने घर की गैरेज से काम करना शुरू कर दिया। फिर साल 1976 में स्टीव जॉब्स ने एप्पल कंपनी की नींव रखी थी।
बता दें कि एप्पल 2 मॉडल का कंप्यूटर इतना अधिक सफल रहा कि कम समय में उसकी रिकॉर्ड सेल हुई। साथ ही जल्द ही कंपनी फॉर्चून 500 के लिस्ट में शामिल हो गई। जिसके बाद धीरे-धीरे कंपनी लगातार बड़ी होती गई। लेकिन कुछ परेशानियों के कारण साल 1985 में स्टीव जॉब्स को एप्पल कंपनी छोड़नी पड़ी। हालांकि इसके बाद उनके 12 साल बहुत अच्छे नहीं रहे। इसलिए उन्होंने साल 1997 में एप्पल कंपनी में वापसी की।
सबसे सफल प्रोडक्ट
स्टीव जॉब्स का सबसे सफल प्रोडक्ट आईफोन रहा। साल 2007 में आईफोन की लॉन्चिंग के साथ ही इसने मोबाइल की दुनिया को बदल कर रख दिया। आज के समय में भी स्मार्टफोन की कैटेगरी में आइफोन को सबसे ज्यादा प्रीमियम माना जाता है। इस फोन की सफलता ने आज एप्पल को दुनिया की सबसे बड़ी वैल्युएशन वाली कंपनी बनाया। वहीं एप्पल के मैकबुक, कंप्यूटर्स समेत कई अन्य प्रोडक्ट भी बेहद पॉपुलर रहे।