By प्रभासाक्षी न्यूज नेटवर्क | Jul 24, 2022
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शनिवार को कथित स्कूल भर्ती घोटाले की जांच के सिलसिले में उन्हें गिरफ्तार किया था। कोलकाता की एक अदालत ने चटर्जी को दो दिन की ईडी हिरासत में भेज दिया था। मजूमदार ने कहा, ‘‘बेचैनी का बहाना बनाकर एसएसकेएम में सरकारी आवभगत का लुत्फ उठाना घोटालों से घिरे तृणमूल नेताओं की आदत बन गया है। उनके स्वास्थ्य रिपोर्ट अपने पक्ष में बनाने के लिए अस्पताल प्रबंधन को प्रभावित करने की पूरी संभावना रहती है। यह रुकना चाहिए। चटर्जी का इलाज किसी ऐसे अस्पताल में किया जाना चाहिए, जो राज्य सरकार के नियंत्रण में नहीं हो।’’ आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि राज्य के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री चटर्जी को अदालत द्वारा उनके चिकित्सकीय इलाज की अनुमति दिए जाने के बाद एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने कहा, ‘‘अदालत और ईडी इस पर फैसला लेंगे। पार्टी के पास इस संबंध में कहने के लिए कुछ भी नहीं है।’’
इससे पहले, मई में तृणमूल कांग्रेस की बीरभूम जिला इकाई के अध्यक्ष अनुब्रत मंडल खराब सेहत का हवाला देते हुए 15 दिन तक एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती रहे थे। उन्होंने मवेशियों की कथित तस्करी से जुड़े मामले की जांच के सिलसिले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की ओर जारी विभिन्न समन की अनदेखी की थी। बीते साल तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं मंत्री फिरहाद हकीम और दिवंगत सुब्रत मुखर्जी तथा विधायक मदन मित्रा नारद स्टिंग ऑपरेशन मामले की जांच के सिलसिले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किए जाने के बाद खराब तबीयत का हवाला देते हुए एसएसकेएम अस्पताल में भर्ती रहे थे।