By संजय सक्सेना | Feb 21, 2022
उत्तर प्रदेश में चौथे चरण का चुनाव भी काफी अहम है। चौथे चरण तक पहुंचते पहुंचते यूपी का चुनाव मुलायम-अखिलेश के गढ़े से आगे बढ़कर गांधी परिवार के के ‘घर’ में पहुंच गया है। रायबरेली में गांधी परिवार की साख दांव पर लगी है तो भाजपा के नबंर दो के नेता समझे जाने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के संसदीय क्षेत्र लखनऊ में चुनाव होना है। वहीं लगातार अपनी ही सरकार के लिए मुश्किल हालात पैदा कर रहे पीलीभीत के सांसद वरूण गांधी की सियासी हैसियत का भी पता चल जाएगा। चौथे चरण में तराई के कुछ जिलों में भी मतदान होना है, जहां पश्चिमी यूपी के कुछ जिलों के बाद किसान आंदोलन का थोड़ा बहुत असर दिखाई दिया था। इसी चरण में लखीमपुर-खीरी और उससे सटे जिला सीतापुर में भी वोटिंग होगी। लखीमपुर में जिस तरह से किसान आंदोलन के दौरान केन्द्रीय मंत्री टेनी के बेटे की जीप से कुचल कर चार किसानों की मौत हो गई थी, उसका इस जिले में वोटिंग पर क्या असर होगा, यह देखने वाली बात होगी। उन्नाव में भी इसी चरण में वोट डाले जाएंगे। पहले यह भाजपा विधायक सेंगर के कारनामों के कारण चर्चा में रहा था, अब एक सपा नेता के बेटे के यहां से एक युवती की लाश मिलने का मुद्दा गरमाया हुआ है, इससे सपा को कितना नुकसान होगा, यह भी इसी चरण में तय हो जाएगा। चौथे चरण में कई सीटें ब्राहमण वोटरों के दबदबे वाली भी मानी जाती हैं, जिनको लेकर लगातार विपक्ष कह रहा था कि ब्राहमण वोटर भाजपा से काफी नाराज चल रहे हैं।
चौथे चरण में 9 जिलों की 59 सीटों पर 23 फरवरी को मतदान होना है। जिन नौ जिलों में चौथे चरण में मतदान होने हैं उसमें पीलीभीत, लखीमपुर-खीरी, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, लखनऊ, रायबरेली, बांदा और फतेहपुर जिला शामिल है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी अजय कुमार शुक्ला ने बताया कि चौथे चरण के लिए 21 फरवरी को शाम 6 बजे के बाद से जनप्रतिनिधियों द्वारा किए जा रहे प्रचार-प्रसार पर रोक लग जायेगी। इस चरण में 2.13 लाख मतदाता 624 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे।
चौथे चरण में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इसमें लखनऊ कैंट से चुनाव लड़ रहे प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक, नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन के अलावा प्रवर्तन निदेशालय से सर्विस छोड़कर आए राजेश्वर सिंह भाजपा उम्मीदवार के रूप में किस्मत आजमा रहे हैं। वहीं समाजवादी पार्टी सरकार में मंत्री रहे अभिषेक मिश्रा व रविदास मल्होत्रा की प्रतिष्ठा भी दांव पर होगी। विधानसभा उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल भी इसी चरण में हरदोई से किसमत आजमा रहे हैं। रायबरेली में कांग्रेस छोड़ भाजपा में आईं अदिति सिंह भी इसी चरण में मैदान में हैं। इसी चरण में लखीमपुर खीरी में भी चुनाव होना है। किसानों के विरोध और लखीमपुर के तिकुनिया में हुई घटना के कारण इस जिले पर सभी की निगाहें हैं।