By रेनू तिवारी | Jun 03, 2021
सूरत शहर के कठौर गांव में कथित तौर पर दूषित पेयजल के सेवन से छह लोगों की मौत हो गई और 50 से अधिक लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। यह घटना दो दिनों में 30 और 31 मई को हुई थी जब सूरत नगर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी विवेक नगर कॉलोनी पहुंचे और ग्रामीणों के बीच क्लोरीन दवा वितरित की। ग्रामीण उल्टी और दस्त जैसे लक्षणों से पीड़ित थे। दूषित पानी से संक्रमित ग्रामीणों का इलाज पास के सरकारी और निजी अस्पतालों में चल रहा है। इंडिया टूडे इस खबर की पुष्टि करता है।
स्थानीय नेता दर्शन नायक ने सूरत नगर निगम पर लोगों को मूलभूत सुविधाएं नहीं देने का आरोप लगाया। उन्होंने मृतकों के परिवारों को आर्थिक मदद की भी मांग की।प्रारंभिक जांच के अनुसार दूषित पानी के सेवन से ग्रामीण बीमार पड़ गए। निरीक्षण के दौरान पता चला कि पेयजल पाइप लाइन में लीकेज है और वह जल निकासी के पानी में मिल गई है।
सूरत की मेयर हेमाली वोघावाला ने बुधवार को स्थिति का जायजा लिया और मृतकों के परिजनों को एक लाख रुपये देने की घोषणा की। वोघावाला ने कहा कि कॉलोनी में पानी की आपूर्ति बहाल होने तक पानी के टैंकर उपलब्ध कराए जाएंगे। पाइपलाइन से ग्रामीणों के घरों तक पानी की जांच के लिए वाटर टेस्टिंग वैन भी भेजी जा रही है। कठौर गांव को हाल ही में सूरत के शहरी क्षेत्र में शामिल किया गया था।