By अभिनय आकाश | Oct 03, 2024
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता प्रज्ञा ठाकुर के वकील ने 3 अक्टूबर को मुंबई की एक विशेष अदालत के समक्ष दलील दी कि 2008 के मालेगांव विस्फोट को प्रतिबंधित स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का हाथ हो सकता है। बचाव पक्ष वर्तमान में राष्ट्रीय जांच एजेंसी मामलों के विशेष न्यायाधीश एके लाहोटी की अदालत में मामले में अंतिम दलीलें दे रहा है।
29 सितंबर, 2008 को उत्तरी महाराष्ट्र में मुंबई से लगभग 200 किमी दूर मालेगांव शहर में एक मस्जिद के पास एक मोटरसाइकिल में बंधे विस्फोटक उपकरण में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई और 100 से अधिक घायल हो गए। वकील मिश्रा ने दावा किया कि जब भी ऐसी कोई घटना होती है तो लोग पुलिस की मदद करते हैं। हालांकि, इस मामले में घटना के तुरंत बाद बड़ी संख्या में लोग मौके पर जमा हो गए और पुलिस पर पथराव किया, जिससे उन्हें विस्फोट स्थल तक पहुंचने से रोका गया।
उन्होंने कहा, ऐसा उनके (सिमी से जुड़े) लोगों की सुरक्षा के लिए किया जा सकता था। वकील ने तर्क दिया कि विस्फोट स्थल के पास एक सिमी कार्यालय स्थित था जहां कथित तौर पर बम बनाए गए थे। हो सकता है कि जब दुर्घटनावश विस्फोट हुआ हो, तब वे (सिमी के लोग) दोपहिया वाहन पर विस्फोटक ले जा रहे हों। हालांकि, जांचकर्ताओं ने दावा किया था कि मोटरसाइकिल प्रज्ञा ठाकुर की थी।