By प्रिया मिश्रा | Mar 03, 2022
आज के समय में डायबिटीज की समस्या आम हो गयी है। आजकल बुजुर्ग ही नहीं, युवा वर्ग भी लोग भी इस समस्या से पीड़ित हैं। डायबिटीज में मरीज का ब्लड शुगर लेवल तेज़ी से बढ़ जाता है। डायबिटीज़ के मरीजों को अपने खानपान का ख़ास ख्याल रखना चाहिए। डायबिटीज़ के मरीजों को मीठा, तला-भुना, और ज़्यादा कैलोरी वाली चीज़ें खाने से परहेज करना चाहिए। अक्सर लोगों के मन में यह सवाल होता है कि डायबिटीज की बीमारी में चिकन खाना चाहिए या मटन। आप भी इस सवाल का जवाब ढूंढ रहे तो आज के लेख जरूर पढ़ें। आज हम आपको बताएंगे कि डायबिटीज के मरीजों के लिए मटन या चिकन में से बेहतर विकल्प क्या है-
एक शोध के मुताबिक डायबिटीज के मरीजों को रेड मीट और चिकन का ज्यादा सेवन नहीं करना चाहिए। दरअसल, रेड मीट में आयरन की मात्रा ज्यादा होती है जिससे डायबिटीज का जोखिम बढ़ता है। वही इसमें सैचुरेटेड साइड भी अधिक मात्रा में मौजूद होता है जिससे कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का खतरा बढ़ता है। इसके साथ ही रेड मीट में सोडियम और नाइट्राइट मौजूद होते हैं जो टाइप 2 डायबिटीज के मुख्य कारकों में से एक हैं।
डॉक्टर्स डायबिटीज के मरीजों को चिकन और रेड मीट में से चिकन खाने की सलाह देते हैं। चिकन में प्रोटीन की अच्छी मात्रा पाई जाती है और इसमें फैट भी कम होता है। सबसे अच्छी बात यह है कि इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स वैल्यू कम होता है जिससे ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने में मदद मिलती है। इसके साथ ही चिकन में भरपूर मात्रा में आयरन, विटामिन, कैल्शियम और फॉस्फोरस मौजूद होता है। डॉक्टर्स के मुताबिक, अगर चिकन को हेल्दी तरीके से पकाकर कहा जाए तो यह डायबिटीज के मरीजों के लिए अच्छा रहता हैं।
जैसा कि आप जानते हैं कि मटन मूल रूप से रेड मीट है। लेकिन यह डायबिटीज के मरीजों के लिए नुकसानदायक होता है। हालांकि अगर आप नॉनवेज खाने की शौकीन हैं तो आप बकरी का मांस खा सकते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में पोटेशियम होता है जो डायबिटीज और हाई बीपी के मरीजों के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकता है।
- प्रिया मिश्रा